Delhi News: अगर आप भी अपने पैसों को निवेश कर कम से कम समय मे ज्यादा से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद में लुभावने विकल्प की तलाश में हैं, तो हो जाइए सावधान! ऐसा इसलिए कि आप भी हो सकते हसीन साइबर ठगों के अगले शिकार. जी हां, फरीदाबाद पुलिस ने एक ऐसे ही साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश किया है जो सेवानिवृत हो चुके बुजुर्गों का पता लगाकर, उन्हें निवेश के नाम पर कम समय में पैसे को डबल करने का झांसा देकर ठगी को अंजाम देते हैं.
फरीदाबाद पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए साइबर ठग गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से आठ मोबाइल फोन, 11 सिम कार्ड व एक लाख 40 हजार रुपए बरामद हुए हैं. शुरुआती जांच में इस गिरोह द्वारा फरीदाबाद व दिल्ली-एनसीआर में दर्जनभर घटनाओं को अंजाम देने की बात सामने आई है. इन ठगों के गिरोह का उस समय खुलासा हुआ जब ठगों ने फरीदाबाद के 91 वर्षीय एक बुजुर्ग को अपने जाल में फंसाकर उनसे 80.43 लाख रुपए ठग लिए. पीड़ित बुजुर्ग इंडियन ऑयल से सेवानिवृत हैं. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, दिल्ली के रहने वाले हनी, अंकित, सुमंत, नोएडा के अमित और गाजियाबाद के अजय के रूप में हुई है.
91 वर्षीय बुजुर्ग को लगाया 80 लाख का चूना
डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ठ ने बताया कि फरीदाबाद निवासी 91 वर्षीय देव पुरी से साइबर ठगों ने वर्ष 2021 से 2023 के बीच 30.43 लाख रुपए की धोखाधड़ी की. वे इंडियन ऑयल से रिटायर्ड हैं. घर में अकेले रहते हैं. इसलिए उन्हें कोई सलाह देने वाला भी नहीं है. जब उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ तो उन्होंने 11 अप्रैल को थाने में शिकायत देकर केस दर्ज कराया.
दर्जनभर लोग हो चुके हैं ठगी का शिकार
फरीदाबाद पुलिस की शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने दिल्ली-एनसीआर में दर्जनभर से अधिक लोगों से ठगी करने की बात कबूल की है. फरीदाबाद पुलिस अब उन सभी मामलों की जांच में जुट गई है. डीसीपी ने बताया की आरोपी अमित, अंकित और हनी ग्रेजुएट हैं, जबकि सुमंत और अजय आठवी पास हैं. ये लोग सेक्टरों व कॉलोनियों में घूमकर रिटायर्ड कर्मचारियों की तलाश करते हैं. जांच के दौरान पुलिस ने गिरोह के 3 सदस्य अंकित, अमित व हनी को सप्ताहभर पहले गिरफ्तार किया गया था. इन्हें अदालत में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद अजय व सुमंत को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के कब्जे से 8 मोबाइल फोन, 11 सिम कार्ड तथा 1.40 लाख रुपए बरामद हुए हैं.
पैसे डबल करने के नाम पर धोखाधड़ी
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे, लोगों को पैसा डबल करने का झांसा देकर ठगी को अंजाम देते थे. लोगों का भरोसा जीतने के लिए वे सेबी, आरबीआई, इनकम टैक्स विभाग व बैंक अकाउंट के फर्जी दस्तावेज बनाकर पीड़ित को वाट्सएप पर भेजते थे. वो नए क्लाएंट को बताते थे कि उन्होंने अब तक कई लोगों को पैसे डबल कर वापस दे दिए हैं. अपने शिकार को वो कम समय में पैसा डबल करने का लालच देते थे. कम समय में पैसे डबल होने के लालच में आकर लोग अपनी जमा-पूंजी इन साइबर ठगों को दे देते थे. आरोपी इतने पर ही नहीं रुकते थे. इसके बाद भी वो अलग-अलग बहानों से पैसे वापस निकालने के नाम पर भी और पैसे ऐंठ लेते थे.