Delhi News: खाद्य तेल उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को 'उदार' निर्णय बताते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए सुधार की जरूरत है. निकाय ने उम्मीद जताई कि कृषि सुधारों को राजनीतिक रूप से अधिक स्वीकार्य तरीके से लागू किया जाएगा.


किसानों को तोहफा बताया
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है. एसईए के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों को गुरु पर्व का तोहफा दिया है. किसी भी मामले में ये कृषि कानून पहले से ही ठंडे बस्ते में थे और उच्चतम न्यायालय ने भी इस मामले को अपने पास ले लिया था.’’


कहा उदार निर्णय 
अतुल चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘किसानों के लाभ के लिए तैयार कृषि कानून को किसानों के कड़े विरोध के बाद प्रधानमंत्री द्वारा वापस लेने की घोषणा करना वास्तव में उदार निर्णय है.’’उन्होंने कहा कि अगर कृषि क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनना है और कृषि आय में सुधार करना है तो वह बड़े पैमाने पर सुधार करने होंगे. इसके अलावा एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसीएफआई) के महानिदेशक डॉ कल्याण गोस्वामी ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया और कह कि इससे गतिरोध को रोकने में मदद मिलेगी.


 ये भी पढ़ें:


Farm Laws Repeal: मोदी सरकार ने वापस लिए तीनों कृषि कानून, भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कह दी बड़ी बात


Farm Laws Repeal: कृषि कानून रद्द होने के बाद अब आप नेता भगवंत मान ने पूछ दिया ये सवाल