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Farmers Protest: ट्रैक्टर-ट्रॉली से दिल्ली की तरफ बढ़े किसान, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, बॉर्डर सील, जानें- 10 बड़ी बातें
Delhi Farmers Protest: दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में कई जगह पर भारी जाम लगने से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन पर गेट बंद किए गए हैं.
Delhi Chalo Protest: ट्रैक्टर और ट्रॉली से किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं. शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं. दिल्ली से लगे सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया है. दिल्ली से हरियाणा जाने वाला रास्ते को सील कर दिया गया है. वहीं, हरियाणा से दिल्ली आने वाले रास्ते को भी थोड़ी देर में सील किया जाएगा.
किसान प्रदर्शन को लेकर अब तक की 10 बड़ी बातें
- दिल्ली में धारा 144 लागू है. सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और शंभू बॉर्डर पूरी तरह से छावनी में तब्दील है.
- दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में कई जगह लंबा जाम लगा हुआ है और आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
- दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन पर गेट बंद कर दिए गए हैं.
- एमएसपी (MSP) गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसान पूरी तरह से अड़े हुए हैं. किसानों का आरोप है कि सड़क हमने नहीं सरकार ने रोकी है.
- किसान नेताओं का कहना है कि हम टकराव नहीं चाहते हैं. हम शांतिपूर्ण तरीके आंदोलन के पक्षधर हैं. केंद्र की सरकार हमारी मांगों को लेकर कतई गंभीर नहीं है.
- किसान नेताओं का कहना है कि हम किसान अनाज उपजाते हैं और सरकार कीलें बिछाने का काम कर रही है. हम लाठी ठंडे और गोली भी खाने के लिए तैयार हैं. सरकार सिर्फ दावा करती है कि उन्हें किसानों की चिंता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है.
- उधर, किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने बवाना स्टेडियम को जेल बनाने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
- दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर पर करीब 18 हजार जवानों की तैनाती की गई है. दिल्ली पुलिस के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स, सीआईएसएफ, बीएसएफ के जवानों को भी लगाया गया है.
- सुरक्षाबलों के जवान ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी कर रहे हैं. बॉर्डर पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर भी स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
किसानों की क्या हैं प्रमुख मांगें?
प्रदर्शनकारी किसानों की प्रमुख मांगों में फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाए जाने के लिए कहा जा रहा है. इसके साथ ही किसान बिजली अधिनियम-2020 को निरस्त करने की भी मांग है. इसके अलावा लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे की मांग के साथ किसान आंदोलन के दौरान लगाए गए मुकदमे को वापस लेने की भी मांग शामिल है.
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