Delhi News: किसानों (Farmers) के 'दिल्ली चलो' (Delhi Chalo) आह्वान का सीधा असर मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की ट्रैफिक पर देखा गया. दिल्ली और नोएडा के बीच सफर कर रहे वाहन चालकों के लिए आज का दिन बेहद चुनौतिपूर्ण रहा क्योंकि उन्हें भारी जाम का सामना करना पड़ रहा है. ट्रैफिक तब और बढ़ गई जब शाम के वक्त लोग अपने-अपने दफ्तरों से घर की ओर लौट रहे थे. इस वक्त डीएनडी फ्लाईवे (DND Flyway) पर हर तरफ गाड़ियों का रेला नजर आ रहा है. लोग किसी तरह बस अपने घर वापस लौट जाना चाहते हैं. बता दें कि किसानों की दिल्ली में एंट्री को रोकने के लिए अलग-अलग जगह ट्रैफिक प्रतिबंध लगाए गए हैं और मार्गों में बदलाव भी किया गया है. सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर विशेष प्रतिबंध लगाए गए हैं और सुरक्षा उपायों के तहत जवानों की तैनाती की गई है. मुख्य रास्ता ब्लॉक हो जाने के कारण लोगों को अपने रूट में बदलाव करना पड़ रहा है जिस वजह से भी सड़कों पर वाहन रेंग-रेंगकर चल रहे हैं.


उधर, किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया गया. किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर पुलिस ने शहर के सीमा बिंदुओं पर कई चरणों में बैरिकेड लगाने के अलावा कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटेनर की दीवारें बना सुरक्षा बढ़ा दी है. सुबह 7 बजे से ही गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर वाहन बेहद धीमी गति से चलते नजर आए. दोपहर के बाद सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई. 






ट्रैफिक में फंसे लोगों ने सुनाई आपबीती
ट्रैफिक में फंसे लोगों ने अपनी समस्याएं भी साझा कीं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गाजीपुर बॉर्डर पर घंटों फंसे रहे उत्तराखंड निवासी अरुण सिंह ने से कहा कि वह दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में अपने बीमार पिता से मिलने जा रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने 78 वर्षीय पिता से मिलने के लिए उत्तराखंड से आया हूं... मैं और मेरा परिवार सुबह 11 बजे से यहां फंसे हुए हैं. यह हमारे लिए बेहद निराशाजनक स्थिति है और हम क्रोधित और असहाय महसूस कर रहे हैं.कम से कम एक घंटे तक जाम में फंसी रहीं जूली लॉरेंस ने कहा, ‘‘मुझे आज होने वाले किसानों के मार्च के बारे में पता था और मैं गुरुग्राम के सेक्टर-29 स्थित अपने घर से एक घंटे पहले ऑफिस के लिए निकली थी.''


रेंग रही थीं गाड़ियां 
 कामकाजी घंटों के दौरान हर दिन दिल्ली और गुड़गांव के बीच दो लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं. ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने लोगों को मेट्रो सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी थी. गाजीपुर बॉर्डर पर नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले प्रमुख हिस्से के आधे भाग पर बैरिकेड लगे होने के कारण एक समय में केवल दो वाहन ही गुजर पा रहे थे. गाजीपुर बॉर्डर के पास पुलिस ने लिंक सड़कों को बंद कर दिया था और वाहन एक कतार में चल रहे थे.


प्रदर्शन से भोजनालय वाले भी परेशान 
 किसानों के प्रदर्शन के चलते राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा के ग्रामीणों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मजदूरी करने वाले और टीकरी कलां के निवासी राजा राम ने कहा, ‘‘हमें किसी भी विरोध प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन काम के बाद घर पहुंचने के लिए हमें तीन से अधिक अलग-अलग स्थानों पर अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा गया.’’ टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के पास एक भोजनालय चलाने वाले देवेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘किसान हरियाणा और पंजाब से आ रहे हैं और इसमें कोई स्थानीय लोग शामिल नहीं हैं, लेकिन ऐसे विरोध प्रदर्शनों के कारण हमें अपना व्यवसाय करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि पुलिस हमें अपनी दुकानें खोलने की अनुमति नहीं देती है.’’ 


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