Delhi News: ग्रेटर नोएडा के 39 से अधिक गांवों के किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर एक बार फिर ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है. दरअसल किसानों का आरोप है कि 61 दिनों के धरना प्रदर्शन के बाद प्राधिकरण की तरफ से उन्हें लिखित रूप में दिया गया था कि एक कमेटी गठित करके उनकी मांग पर फैसला लिया जाएगा लेकिन अब शासन की तरफ से मिले आदेश अनुसार कमेटी गठित करने का फैसला वापस ले लिया गया है.
जिसके बाद ग्रेटर नोएडा के किसान काफी नाराज हैं और उन्होंने एक बार फिर 18 जुलाई से धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.
‘लिखित आश्वासन के बाद मुकरने का आरोप’
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि - ग्रेटर नोएडा के 39 से अधिक गांव के किसानों ने 61 से अधिक दिनों तक ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था. जिसमें प्रमुख मांगों में ग्रेटर नोएडा के किसानों के लिए 10% आबादी प्लाट, 17.5 % प्लॉट कोटा, 120 वर्ग मीटर के न्यूनतम क्षेत्र के प्लाट, बच्चों के लिए रोजगार, 4 गुना सर्किल रेट मुआवजा शामिल हैं. लगातार हमारे संघर्षों के बाद ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण और सांसद की तरफ से भी आश्वासन मिला की एक कमेटी गठित की जाएगी. वो कमेटी हमारी मांगों को लेकर जल्द ही उचित फैसला लेगी. लेकिन अब शासन आदेश के बाद कमेटी गठित करने के फैसले को रद्द करने की जानकारी दी गई है. जिसके बाद हमने फैसला लिया है कि आने वाले 18 जुलाई से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सामने हम एक बार फिर इकट्ठा होंगे और तब तक धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक हमारी मांग को पूरा नहीं किया जाता.
‘अपने अधिकारों और विरासत के लिए कर रहे संघर्ष’
डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि यह संपत्ति हमारे पूर्वजों की है और इस प्रकार प्राधिकरण के मनमाने रवैया को हम किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम अपने अधिकार के लिए आवाज उठा रहे हैं और प्राधिकरण को हमारी मांगों पर उचित फैसला लेना होगा. अगर इस प्रकार से हमारी भूमि को लेकर जबरदस्ती प्रयोग करने का फैसला लिया जाता है तो इससे हमारा भविष्य अंधकार में होगा.
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