Delhi Noida Chilla Border Traffic Jam: नोएडा और ग्रेटर नोएडा सहित यूपी के किसानों संगठनों की दिल्ली कूच के आह्वान से पहले ही बॉर्डर पर वाहनों की लंबी लाइनें दिखाई देने लगी थी. इस बीच खबर है कि किसानों का भारी संख्या में आने और वाहनों की लंबी कतारों की वजह से दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया है. पुलिस ने लोगों से वैकल्पिक मार्गों से सभी अपने—अपने गंतव्य तक पहुंचने की सलाह दी है.
चिल्ला बॉर्डर पर जाम की वजह से यमुना एक्सप्रेसवे और नोएडा में कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम का लोगों का सामना करना पड़ रहा है. वीडियो में चिल्ला बॉर्डर पर लंबी दूरी तक ट्रैफिक जाम देखा जा सकता है. DND पर भी नोएडा से दिल्ली जाने वाले रस्ते पर लंबा ट्रैफिक जाम है. काफी दूर तक गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं.
आधे घंटे से ज्यादा वक्त से लोग जाम में फंसे हैं. सड़कों पर जाम की वजह से गाड़ियां घिसटती नजर आ रही हैं. इसका असर यह हुआ कि लोग घंटों देर से दफ्तर पहुंच रहे हैं.
इस बीच नोएडा में ट्रैफिक जाम को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है. नोएडा पुलिस ने किसानों के मार्च को देखते हुए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है. पुलिस ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाले और दिल्ली से इस ओर आने वाले वाहन चालकों से अपील की है कि वो जाम को देखते हुए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें. ऐसा न करने पर लोगों को भारी जाम का सामना करना होगा.
दरअसल, नोएडा के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच का ऐलान किया था. इससे पहले किसान संगठनों और और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी, लेकिन वार्ता विफल रहने के कारण किसानों संगठनों ने 2 दिसंबर को अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच का ऐलान किया था.
'दिल्ली में प्रोटेस्ट की इजाजत नहीं '
पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अपूर्व गुप्ता ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर कहा कि किसानों को दिल्ली में प्रोटेस्ट के लिए परमिशन नहीं दी गई है. हमारी कोशिश यही रहेगी की कानून व्यवस्था बानी रहे और लोगों को कोई समस्या नहीं हो. बॉर्डर प्वाइंट्स पर हमने सिक्योरिटी बढ़ाई है.
कमर्शियल वाहनों की आवाजाही पर रोक
किसानों के इस ऐलान को देखते हुए नोएडा पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस-वे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे होकर दिल्ली जाने वाले और सिरसा से परीचौक होकर सूरजपुर जाने वाले मार्ग पर सभी प्रकार के मालवाहक वाहनों का आगमन पर रोक लगा दी है.
क्या है किसानों की मांगें?
उत्तर प्रदेश के किसानों की मांग है कि जब तक 10 फीसदी विकसित भूखंड व नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ नहीं दिए जाएंगे, उनका यह आंदोलन जारी रहेगा. बता दें कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित सभी किसानों को 10 प्रतिशत sविकसित भूखंड, 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का 4 गुना मुआवजा, रोजगार तथा पुनर्वास सहित सभी लाभ दिए जाने, आबादियों का निस्तारण आदि कई मांगे हैं, जिन्हें लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं और आज दिल्ली कूच के लिए अपने-अपने घरों से निकल चुके हैं.
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