Farmers Protest: बड़े आंदोलन की तैयारी? किसानों ने 13 फरवरी को दिया 'दिल्ली चलो' का नारा
Farmers Protest March: जमीन अधिग्रहण को लेकर उचित मुआवजे और विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने गुरुवार को मार्च निकाला था जिस वजह से नोएडा और दिल्ली के बॉर्डर पर भारी जाम लग गया था.
Punjab News: दिल्ली (Delhi) और नोएडा (Noida) के बीच गाड़ियों से सफर करने वालों के लिए गुरुवार का दिन काफी मुश्किलों से भरा रहा. किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान की वजह से मुख्य सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई और इस दौरान गाड़ियों की सख्ती से चेकिंग भी हुई. इसकी वजह से आम लोग घंटों जाम में फंसे रहे. सबसे अधिक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Greater Noida Expressway) और डीएनडी पर लोग ट्रैफिक में जूझते दिखे. हालांकि शाम के करीब छह बजे किसानों और प्रशासन के बीच बात बनी. 5 घंटे बाद किसान एक्सप्रेस वे से हटे. किसानों को 8 दिनों में निस्तारण कराने का आश्वासन मिला. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा (Sukhbir Khalifa) ने कहा कि हम झूठे आश्वासन के साथ नहीं हैं, अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो दिल्ली दूर नहीं है.
भारतीय किसान परिषद के कार्यकर्ता दिसंबर 2023 से स्थानीय प्राधिकरण के कार्यालय के बाहर शिविर लगा रखा है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान विकास प्राधिकरणों की तरफ अधिग्रहीत अपनी भूमि के बदले अधिक मुआवजे और विकसित भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली वालों की बढ़ेगी मुश्किल?
दिल्ली-एनसीआर में अब एक बार फिर 12 और 13 फरवरी को लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है. किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने समेत अन्य मांगों के साथ 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च में शामिल होने के लिए कमर कस रहे हैं.
किसान संगठनों ने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार की तरफ से मानी गई मांगों को आज तक पूरी नहीं किया गया है. इन मांगों को पूरा करवाने के लिए दिल्ली जाने की तैयारी है. उनका कहना है कि किसान 13 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए रवाना होंगे. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार ने 13 फरवरी तक उनकी मांगें पूरी नहीं की तो वह हर हालात में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे.
200 से अधिक संगठन हिस्सा लेंगे
किसान संगठनों का दावा है कि 'दिल्ली चलो' मार्च में देशभर से 200 से अधिक किसान संगठन हिस्सा लेंगे. संगठनों में करीब 50 पंजाब से होंगे और बाकी हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से होंगे. इस बीच हरियाणा पुलिस ने किसानों से प्रदर्शन में बिना अनुमति के शामिल नहीं होने की अपील की. साथ ही कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
हरियाणा पुलिस की अपील
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए अंबाला में शंभू सीमा पर पहले से ही कंक्रीट ब्लॉक, कंटीले तार, रेत की बोरियां, अवरोधक और अन्य सामान जमा कर लिया है. किसानों ने अंबाला-शंभू सीमा, खनौरी-जींद और डबवाली सीमा से दिल्ली जाने की योजना बनाई है.
सरकार ने शुरू की कवायद
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की थी कि किसान अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च करेंगे. किसानों के ऐलान के बीच कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल, गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय किसानों नेताओं से बात करने चंडीगढ़ के दौरे पर हैं. इस दौरान किसानों को मनाने की कोशिश होगी.
क्या है सरकार से मांग?
सरकार से बातचीत से पहले किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि हमारी मांगों में एमएसपी खरीद गारंटी कानून, स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के अनुसार फसल की कीमतें, किसानों की कर्ज माफी और देश भर में किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेना शामिल है. इसमें लखीमपुर खीरी का मामला भी शामिल है. हम इन्हीं मुद्दों पर सरकार से बातचीत करेंगे.
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