Delhi accident News: दिल्ली के फतेहपुर बेरी इलाके में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त एक नायब सूबेदार अपने बेटे की मौत के बाद उसे न्याय दिलाने के लिए पिछले एक महीने से जद्दोजहद कर रहे हैं. बालमुकुंद ने एबीपी न्यूज़़ को बताया कि 29 मार्च की रात को एक सड़क हादसे में उनके बेटे वशिष्ठ मुनि की मौत हो गई थी. मौत के एक महीने बाद भी पुलिस इस हादसे को लेकर कोई भी पुख्ता सुराग नहीं ढूंढ पाई है. इसके अलावा पुलिस उस वाहन का भी पता नहीं लगा पाई है जिस वाहन ने युवक को टक्कर मारी थी.
29 मार्च की रात की है घटना
मृतक युवक के पिता का कहना है कि उनका बेटा जो कि एक अस्पताल में सुरक्षा एजेंसी बतौर मैनेजर काम करता था. 29 मार्च की रात को युवक जब घर लौट रहा था तो एक अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मारकर वहां से फरार हो गया. जिसके बाद पुलिस ने उसे सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि उनका बेटा आया नगर में रहता था और 29 मार्च की रात को वह साकेत मेट्रो स्टेशन तक अपने एक साथी को मेट्रो स्टेशन पर छोड़कर घर के लिए निकला. लेकिन घिटोरनी मेट्रो स्टेशन के पास पिलर नंबर 166 के नजदीक किसी वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी.
पुलिस के जांच से संतुष्ट नहीं हैं पिता
बालमुकुंद ने बताया कि जिस वाहन ने उनके बेटे की बाइक को टक्कर मारी वह उसका पता लगाने के लिए पिछले एक महीने से जद्दोजहद कर रहे हैं. यहां तक कि उन्होंने जिस रास्ते पर उनके बेटे का एक्सीडेंट हुआ था उस रास्ते के आसपास और दुकानों में लगे सीसीटीवी फुटेज देखें हैं और पुलिस को इस बारे में बताया है लेकिन पुलिस कोई भी सहयोग नहीं कर रही है. मृतक के पिता ने बताया कि पिछले महीने की 20 तारीख को वह इस मामले में जांच कर रहे अधिकारी से मिले लेकिन जांच अधिकारी की ओर से उन्हें कोई भी सही जवाब नहीं दिया गया. जिसके बाद वह लगातार जांच अधिकारी और एसएचओ के पास चक्कर लगाते रहे हैं लेकिन उन्हें किसी तरीके की भी कोई कार्रवाई होती हुई नहीं दिखाई दे रही है. बालमुकुंद ने कहा कि पुलिस अब तक उस वाहन का पता नहीं लगा पाई है जिस वाहन ने उनके बेटे की बाइक को टक्कर मारी थी. पुलिस का कहना है कि वह जांच में जुटी है लेकिन वह बालमुकुंद जांच से संतुष्ट नहीं है.
सफलता नहीं मिलने तक करते रहेंगे कोशिश
बालमुकुंद, पुलिस स्टेशन और जांच अधिकारियों के चक्कर काटते-काटते परेशान हो गए हैं. अब बालमुकुंद अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए उसके एक दोस्त के साथ मिलकर खुद ही सबूतों को इकट्ठा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह पिछले करीब 2 हफ्तों में अलग-अलग रास्तों और दुकानों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे सेट कर रहे हैं. जिससे कि उन्हें उस वाहन का पता चल सके. बालमुकुंद ने कहा कि वह कई सीसीटीवी फुटेज को चेक कर चुके हैं, जिसमें की उनका मृतक बेटा बाइक पर भी दिखाई दे रहा है. लेकिन उस गाड़ी और आरोपी की पहचान नहीं हो पा रही है. बालमुकुंद जिन्हें राष्ट्रपति से मेडल मिला हुआ है और उन्होंने 28 साल भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी हैं. उनका कहना है कि जब तक उनके बेटे को न्याय नहीं मिल जाता वह तब तक इस मामले को लेकर अपने स्तर पर कोशिश करते रहेंगे.
पुलिस कर रही है मामले की जांच
वहीं इस मामले को लेकर दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी थाने के एसएचओ समीर कुमार झा ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि 29 मार्च की रात करीब 12:15 बजे यह हादसा हुआ और हमें वहां से गुजर रहे एक राहगीर द्वारा कॉल कर यह सूचना दी गई कि रास्ते में एक व्यक्ति घायल पड़ा हुआ है. जिसके बाद तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और घायल व्यक्ति को सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया. एसएचओ ने बताया कि जिस जगह पर व्यक्ति घायल पाया गया था वहां पर कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है और वहां बेहद अंधेरा था. जिस कारण से वाहन और किसी आरोपी का पता नहीं लग पा रहा है. लेकिन पुलिस अपनी जांच कर रही है और सबूत जुटाने की कोशिश की जा रही है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जांच में यह भी पाया गया है कि मृतक व्यक्ति की बाइक आगे से बेहद ज्यादा डैमेज हो गई थी. ऐसे में कुछ भी कह पाना बेहद मुश्किल है कि आखिर किस तरीके से मृतक का एक्सीडेंट हुआ और किस वाहन ने उसे टक्कर मारी.
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