Fertilizer Crisis: देश भर में जहां किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसका कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है तो दूसरी तरफ किसान गेहूं की बुआई शुरू होते ही खाद की किल्लत से परेशान हैं.


उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में खाद की किल्लत है. घंटों लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है, जिसके बाद किसान कई जगहों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. यहीं नहीं खाद की किल्लत की वजह से अब तक 5 किसानों की मौत भी हो चुकी है.


केंद्र संचालकों का कहना है कि गोदाम से स्टॉक आने में देरी हो रही है, जिस कारण से किसानों को खाद के लिए दिक्कत पैदा हो रही है. हालांकि गोदाम से जितना स्टॉक मिल रहा है, वो हम बांट रहे हैं.


खाद की किल्लत के कारण


खाद की किल्लत की मुख्य वजह अंतराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें हैं. चीन ने एक तरफ उर्वरक के एक्सपोर्ट पर अस्थायी रोक लगाई है तो बेलारूस के खिलाफ वेस्टर्न इकनॉमिक सेक्शंस के चलते ग्लोबल मार्केट में उर्वरक की कीमतें प्रभावित हुई है. जिसका असर भारत में भी पड़ा है. दरअसल वर्ल्ड मार्केट में टाइट सप्लाई की वजह से फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया की कीमतें बढ़ी हैं. इसके अलावा देश में यूरिया का उत्पादन गिरा है और जमाखोरी भी एक कारण है.


सरकार ने उठाया ये कदम


केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों पर 28,655 करोड़ रुपये की शुद्ध सब्सिडी की घोषणा की है ताकि रबी की बुआई  में किसानों को ये पोषक तत्व सस्ती कीमत पर मिल सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 की अवधि के लिए पीएंडके उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को मंजूरी दे दी गई है.


सरकारी बयान के अनुसार एनबीएस के तहत एन (नाइट्रोजन) की प्रति किलो सब्सिडी दर 18.789 रुपये, पी (फास्फोरस) के लिए 45.323 रुपये, के (पोटाश) के लिए 10.116 रुपये और एस (सल्फर) के लिए 2.374 रुपये तय की गई है.


ये भी पढ़ें:


UP Election 2022: कांग्रेस-आरएलडी गठबंधन पर पिक्चर साफ, प्रियंका और जयंत की मुलाकात के बाद रालोद नेता ने दिया बड़ा बयान


UP Election 2022: डिप्टी सीएम पर राजभर का तंज, 'उप माने चुप, केशव कुछ बोलेंगे तो जीभ काट लेगी BJP