Fever and Cold Medicine: देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हर दिन कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है. हालांकि कोरोना की तीसरी लहर में गंभीर लक्षण नहीं होने की वजह से अस्पताल में बहुत कम लोग भर्ती हो रहे हैं, ज्यादातर घर पर ही ठीक हो रहे हैं. वहीं इस मौसम में सर्दी-जुकाम होना भी आम बात है. लेकिन लोग कोरोना की चिंता के बीच आम सर्दी-जुकाम को लेकर भी बिना डॉक्टर की सलाह लिए तरह-तरह की दवाईयां और एंटीबायोटिक लेना शुरू कर दे रहे हैं.

 

ऐसे में विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह दवाई और एंटीबायोटिक लेना लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है. इतना ही नहीं बुखार की ज्यादा दवाई लेने का असर किडनी पर भी होता है. एंटीबायोटिक के इस्तेमाल को लेकर एलएनजेपी के डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि बुखार-सर्दी में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि एंटीबायोटिक बैक्टीरिया से लड़ने में काम करती है और उसको खत्म करती है.

 

शरीर को पहुंच सकता है नुकसान

 

उन्होंने बताया कि अगर बुखार या वायरल इंफेक्शन होता है तो यह आपके शरीर में जाकर असर नहीं करती और नुकसान पहुंचाने लगती है. साथ ही ज्यादा दिनों तक एंटीबायोटिक ली जाए तो यह बॉडी में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस पैदा कर सकती है, जिसके बाद कभी जरूरत पड़ने पर भी एंटीबायोटिक खाने से वह शरीर पर असर नहीं करती है. एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से दस्त, स्किन रैश और एलर्जी भी हो सकती है.

 

बुखार होने पर क्या लें?

 

इस मौसम में अगर आपको बुखार और सर्दी हो रही है तो कौन सी दवाई ली जा सकती है? इसके जवाब में मैक्स के निदेशक डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि कोशिश करें kf बुखार होने पर ज्यादा दवाईयां न लें, 100 डिग्री तक बुखार होता है, तब जाकर पैरासिटामोल लेना चाहिए. डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पैरासिटामोल भी लिमिट में ही लेनी चाहिए, क्योंकि अगर आप ज्यादा पैरासिटामोल लेते हैं तो इसका सीधा असर आपके लिवर और किडनी पर पड़ता है. बुखार होने पर ज्यादा से ज्यादा तीन बार तक ही पैरासिटामोल इस्तेमाल करना चाहिए या तब तक दवाई लेनी चाहिए जब बुखार तेज हो.

 

एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से पहले जान लें ये बात

 

डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि सबसे पहले ये जानने की कोशिश करें कि आपको इसकी जरूरत है या नहीं. इसके लिए डॉक्टर से मिले और उनकी सलाह पर ही एंटीबायोटिक लें. अगर आप एंटीबायोटिक लेते हैं तो इसके कोर्स को पूरा करें, नहीं तो इसका असर कम हो सकता है. तीसरी बात, इन दवाओं को बिना टेस्ट कराए नहीं देनी चाहिए. अगर किसी को चेस्ट इंफेक्शन होता है तो बलगम की जांच करानी चाहिए, जिससे बैक्टीरिया कितना संवेदनशील है ये पता चल सके और फिर उस हिसाब से एंटीबायोटिक लेना चाहिए.


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