Fire Safety Tips: राजधानी दिल्ली में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच गया है. तापमान में बढ़ोतरी के साथ इन दिनों दिल्ली में आग लगने की घटनाएं भी हो रही हैं. शुक्रवार को आउटर मुंडका इलाके की 4 मंजिला इमारत में भीषण आग लग गयी. आग की लपटों ने देखते ही देखते पूरी बिल्डिंग को चपेट में ले लिया. भयावह हादसे ने 27 लोगों की जान चली गई. अग्निकांड में 27 लोगों की मौत हो गई तो 14 लोग झुलस भी गए. हादसा के बाद कई लोग लापता बताए जा रहे हैं.
गर्मी में बढ़ जाती हैं आग की घटनाएं
पुलिस और परिजन तलाश कर रहे हैं. मुंडका अग्निकांड से लोग अभी उभरे ही नहीं थे कि रात शनिवार को नरेला इलाके की फैक्ट्री में आग लगने की घटना सामने आई. हालांकि हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. लेकिन इन हादसों से एक बात साफ हो जाती है कि गर्मी बढ़ने के साथ अक्सर अग्निकांड की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं. आखिरकार इसके पीछे का क्या कारण होता है? और क्यों गर्मी बढ़ने के साथ अगलगी की घटनाएं बढ़ जाती हैं? आग से कैसे बचा जा सकता है, या फिर थोड़ी सावधानी कैसे एक बड़े हादसे को रोक सकती है?
एक्सपर्ट की मानें तो गर्मियों में आग लगने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. कई बार इसका मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट भी होता है क्योंकि गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ जाती है. काफी देर तक घरों, फैक्ट्री या ऑफिसों में बिजली से चलने वाले अलग-अलग उपकरणों का इस्तेमाल होता है. शॉर्ट सर्किट के कारण अग्निकांड जैसी घटनाएं हो जाती हैं. दिल्ली दमकल विभाग के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने एबीपी न्यूज को बताया कि अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो गर्मी के मौसम में अगलगी को रोका जा सकता है.
अक्सर पक्के मकानों में आग लगने की घटनाएं शॉर्ट सर्किट होने की वजह से होती हैं, क्योंकि शॉर्ट सर्किट के बाद होने वाली चिंगारी से आग लग जाती है और फिर आग धीरे-धीरे प्लास्टिक, लकड़ी, गत्ते को पकड़ लेती है. प्लास्टिक में काफी देर तक आग लगी रहती है. इसीलिए उसे बुझाने में भी समय लगता है. अतुल गर्ग ने बताया कि एसी, पंखे या अन्य कोई भी उपकरण गर्मियों में लगातार चलते रहते हैं और उनका इस्तेमाल गर्मियों में बढ़ जाता है, जिसके कारण कई बार उपकरणों में शॉर्ट सर्किट या ब्लास्ट हो जाता है और मुंडका स्थित बिल्डिंग हादसे में भी यही सामने आ रहा है कि AC या फिर वायर्स में ब्लास्ट हुआ.
ब्लास्ट होने के बाद आग लग गई और क्योंकि बिल्डिंग में कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम थे जैसे तार आदि में भी आग लग गई और जब तार में आग लगती है तो धुंआ काफी जल्दी बढ़ जाता है. आग काफी देर तक लगी रहती है. बुझाने में भी काफी समय लगता है. इसके कारण लोग आग में ही फंस जाते हैं और यही मामला मुंडका हादसे में भी नजर आ रहा है. दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि गर्मियों में किसी भी बिजली के उपकरण का इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यदि लगातार एसी, पंखा या कोई भी उपकरण चल रहा है तो उसे कुछ देर के लिए बंद कर देना चाहिए. मशीन के लगातार चलने से गर्म हो जाती है और उसमें शॉर्ट सर्किट भी हो जाता है.
किन बातों का रखें ध्यान
- बीच-बीच में कुछ देर के लिए पंखे, एसी या बिजली के अन्य उपकरण बंद करते रहें
- अपने घर या ऑफिस या दुकान पर बिजली के लोड को नियमित चेक करवाते रहें
- गर्मी में चलाने से पहले घर का एसी, पंखा की सर्विस और जांच करवा लेना चाहिए
- किचन में काम करने के दौरान गैस का प्रयोग करते हुए ध्यान से काम लेना चाहिए
- किचन में गैस चूल्हे को चालू कर बाहर ना जाएं, गैस चूल्हा बंद करके ही बाहर जाएं
- मल्टी प्लगिंग न करें, देर तक मोबाइल और लैपटॉप को चार्जर पर लगाकर ना छोड़ें
- आप बाहर निकलते समय मकान की लाइट और पंखों को ध्यान से बंद करके जाएं
- बीड़ी, सिगरेट का इस्तेमाल कर अच्छे से बुझा कर फेंके, आग फैलने का डर होता है
इसी साल मार्च महीने में गोकुलपुरी इलाका स्थित झुग्गियों में भी आग लग गई थी. हादसे में 7 लोगों की जान चली गई थी. दमकल विभाग के डायरेक्टर ने कहा कि झुग्गी झोपड़ी में भी गर्मियों के दौरान आग लगने की घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं, क्योंकि झुग्गियों की छत्त, दीवारें कई बार प्लास्टिक, लकड़ी, बांस या भूसे से बनी होती हैं, और तापमान बढ़ने पर उनमें कई बार आग लग जाती है. छोटी सी भी आग काफी तेजी से बढ़ने लगती है और धीरे-धीरे आसपास की झुग्गियों को भी चपेट में ले लेती है. ऐसे में झुग्गी झोपड़ी में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ गर्मियों के मौसम में ना रखें.
अतुल गर्ग के मुताबिक गर्मियों में आग लगने की बढ़ती घटनाओं को रोकने की दमकल विभाग पहले से ही तैयारियां कर लेता है. सर्दियों में सारा इंतजाम कर लिया जाता है मिसाल के तौर पर आग बुझाने में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को पहले ही ठीक करवा लिया जाता है. आग बुझाने में इस्तेमाल होनेवाले उपकरणों को भी तैयार कर लिया जाता है. दमकल विभाग के पास आग लगने से निपटने की पूरी तैयारी रहती है. हाल ही में 500 से ज्यादा कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किए गए हैं. 740 कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है.
जनवरी, फरवरी और मार्च महीने में अगलगी की घटनाएं बढ़ जाती हैं, और पिछले साल के मुकाबले मार्च महीने में आग लगने की घटना बढ़ी है. साल 2021 के मार्च महीने में 2573 आग की घटनाएं देखने को मिली थीं. मार्च के महीने में इस साल 2612 अगलगी हुई. फरवरी महीने में भी पिछले साल 1700 आग लगने की घटनाएं हुई थी, इस साल बढ़कर 1721 हो गई. जनवरी के महीने में भी इस बार आग लगने की घटनाओं ने रिकॉर्ड तोड़ा है. पिछले साल 1851 आग लगने की घटनाएं जनवरी में हुई थीं. इस साल जनवरी में बढ़कर आंकड़ा 1924 हो गया.