(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Firecrackers: मनोज तिवारी का मनीष पर पलटवार, कहा- कांग्रेस सहित अन्य दलों को दर्द है कि सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं?
Firecrackers become in Delhi: कांग्रेस सांसद का सवाल है कि जिस देश में लॉकडाउन चार घंटे की सूचना पर लागू हो गया, उसी देश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू क्यों नहीं हुए?
Delhi News: दिल्ली सहित देशभर में सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के मौके पर पटाखों की खरीद-बिक्री और जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बावजूद दिल्ली सहित देशभर में जमकर आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला. इस बात को लेकर बीजेपी बनाम कांग्रेस और अन्य दलों के बीच सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. बीजेपी सांसद ने मनोज तिवारी ने कांग्रेस और उनके नेता मनीष तिवारी को निशाने पर लेते हुए कहा कि इन लोगों का दर्द यह है कि सनातनी दिवाली के मौके पर पटाखे क्यों जलाते हैं? मनीष तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधों को दरकिनार कर उसकी बिक्री और देशभर भी जलाने की घटना को बेहद चिंताजनक करार दिया है.
दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पटाखे पर लगे प्रतिबंध को लेकर कहना है कि , "बहुत कम पटाखे या ग्रीन फायरक्रैकर्स जाए गए, लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों को दिवाली मनाने वाले को लेकर एक समस्या है। दिवाली पर पटाखों के विरोधियों का दर्द यह है कि सनातन धर्म के लोगों को अपना त्योहार नहीं मनाना चाहिए. इनका दर्द है कि उन्हें दिवाली नहीं मनाने देना चाहिए. इनका दर्द है कि सत्य सनातन को लोग दिवाली न मना सकें. इसके आगे उन्होंने कहा कि दो दिन पहले बारिश हुई थी। बारिश से पहले AQI क्या था, और अब कितना है? उससे कम है न!
बीजेपी सांसद ने बारिश को बताया छठी मैया की कृपा
इसके पीछे की वजह यह है कि दिवाली से दो दिन पहले दिल्ली में बारिश का होना है. दिवाली से दो दिन पहले तक दिल्ली में लोग प्रदूषण को लेकर शोर मचा रहे थे. इसका समाधान नहीं निकल पा रहा था. छठी मैया, भगवान, राम जी की कृपा ऐसी हुई कि दिल्ली में जमकर बारिश हुई. उन्होंने दिल्ली वालों के लिए इस समस्या का समाधान कर दिया. दो दिन पहले तक दिल्ली सरकार राजधानी में आर्टिफिशियल रेन की बातें हो रही थे, लेकिन उसकी जरूरत नहीं पड़ी. फिर दिवाली पर क्रैकर्स जलाए भी गए. अब आप बताएं कि पटाखा जलाने से कितना बड़ा नुकसान हुआ. लोगों को समझना चाहिए, दिल्ली यूं ही परेशान है. ऐसे में दिवाली के मौके पर बच्चे और युवा क्रैकर्स जलाकर खुशियां मना लेते हैं. यह खुशियां मनाने का एक तरीका होता है. लेकि ये भ्ज्ञी किसी का हजम नहीं होता.
क्यों नहीं हुआ एससी के आदेशों पर अमल?
दूसरी तरफ पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का कहना है कि दिवाली के मौके दिल्ली सहित देशभर में जमकर आतिशबाजी हुई. दो बजे रात तक दिल्ली में पटाखे जलाने का सिलसिला जारी रहा. पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंधन सुनियोजित तरीके से हुआ. यदि आप भारत के विभिन्न शहरों में AQI के स्तर को देखें तो वे बहुत खराब से खतरनाक तक पहुंच गए. उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि एक ऐसा देश जहां लॉकडाउन चार घंटे की सूचना पर लागू हो सकता है. उसी देश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू नहीं हुआ. जाहिर है, इसके पीछे इच्छाशक्ति की कमी थी. यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। सर्वोच्च न्यायालय को सभी राज्यों को फोन करना चाहिए और उनसे पूछना चाहिए कि यह आदेश क्यों लागू नहीं किया गया. इसके लेकर जिम्मेदारी एजेंसियों की उदासीनता भारतीय संविधान के लिए बहुत मायने रखते हैं. यह गंभीर चिंता का विषय है.
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