Delhi Market Redevelopment Plan: सिंगापुर की तर्ज पर दिल्ली में बनाए जाएंगे फूड आउटलेट्स, चांदनी चौक और मजनूं का टीला में बनेगा 'फूड हब'
सिंगापुर के तर्ज पर अब दिल्ली में फूड आउटलेट बनाए जाएंगे. दिल्ली सरकार द्वारा पहले चरण की शुरुआत की जा रही है. सबसे पहले राष्ट्रीय राजधानी के मजनूं का टीला और चांदनी चौक की ब्रांडिंग की जाएगी.
Delhi News: दिल्ली की केजरीवाल सरकार राष्ट्रीय राजधानी में फूड मार्केट का पुनर्विकास (Food Market Redevelopment Plan) करने की योजना बना रही है. प्लान के तहत सिंगापुर मॉडल के आधार पर दिल्ली के फूड मार्केट को विकसित कर उनकी ब्रांडिंग की जाएगी. इस योजना के पहले चरण में मजनूं का टीला और चांदनी चौक में फूड हब विकसित किए जाएंगे. सरकार इसकी ब्रांडिंग करेगी. विकसित किए जाने वाले फूड हब में फूड सेफ्टी की गाइडलाइंस और साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाएगा.
दिल्ली के पकवान को मिलेगी नई पहचान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि फूड हब के पुनर्विकास से दिल्ली के व्यंजनों को नई पहचान मिलेगी. उसमें स्ट्रीट फूड, तिब्बती मोमोज से लेकर लजीज गोल गप्पे, मशहूर दाल मखनी, बटर चिकन, छोले भटूरे और कुल्चे-पराठे आदि शामिल होंगे. दिल्ली सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के रोजगार बजट के तहत ‘दिल्ली फूड हब के पुनर्विकास’ पहल की घोषणा की गई थी. इस पहल के पहले चरण के तहत सरकार मशहूर चांदनी चौक और मजनूं का टीला फूड हब का पुनर्विकास कर कायाकल्प करेगी.
क्लाउड किचन से 4 लाख लोगों को रोजगार
दिल्ली सरकार क्लाउड किचन को लेकर बहुत जल्द एक योजना लाने जा रही है. इससे दिल्ली में चल रहे तकरीबन 20 हजार क्लाउड किचन और वहां काम करने वाले 4 लाख लोगों को फायदा मिलेगा. सीएम केजरीवाल ने इस योजना के लिए बनाए गए श्वेत पत्र को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडिपेंडेंट फूड आउटलेट (क्लाउड किचन) के विनियमन के लिए योजना लाई जाएगी, जिससे इस क्षेत्र में भी पर्याप्त रोजगार पैदा हो सके.
एक ही पोर्टल पर मिलेंगे सारे लाइसेंस
बता दें कि क्लाउड किचन ऐसा फूड बिजनेस है, जिसमें डाईन-इन की सुविधा नहीं होती है, बल्कि कस्टमर वहां से फूड टेक-अवे या डिलीवरी ले सकते हैं. इस योजना के लागू होने के बाद दिल्ली में क्लाउड किचन को कानूनी रूप दिया जाएगा. इससे क्लाउड किचन संचालित करने वाले और इस व्यवसाय को शुरू करने वालों को सरकार के किसी भी विभाग से लाइसेंस लेने के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. एकीकृत पोर्टल के माध्यम से विभिन्न विभाग के लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकेगा.
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