Delhi News: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने WFI के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह मामले की सुनवाई 1 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है. अगली तारीख पर अदालत क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार पर दलीलें सुनेगी. इससे पहले 20 जुलाई को बृजभूषण शरण सिंह और WFI के सस्पेंड सहायक सचिव विनोद तोमर को जमानत दे दी गई थी.


आपको बता दें कि विनेश फोगाट और साक्षी मलिक और अन्य नामी पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगातार कार्रवाई की मांग की थी. पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था. जिसके बाद बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था. 


'गिरफ्तारी की जरूरत नहीं'


दिल्ली पुलिस की तरफ से जो चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई थी. उसमें कहा गया था कि  बृजभूषण की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है. बृजभूषण ने पुलिस के निर्देशों का पालन किया है और वो जांच में शामिल हुए है.


‘पहलवानों से अकेले में नहीं मिला’


वहीं दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि बृजभूषण सिंह ने बयान दिया है कि वो कभी पहलवानों से अकेले में नहीं मिले. कुछ फोटो में बृजभूषण पहलवानों के साथ दिखे. बृजभूषण की तरफ से कहा गया अगर ऐसा होता तो वो हर फोटो में पहलवानों के साथ खड़े होते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.


WFI की सदस्यता रद्द होने पर बयान


आपको बता दें कि विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को 24 अगस्त को खत्म कर दी है. जिसके बाद भारतीय पहलवानों के साथ मुश्किलें खड़ी हो गई है. विश्व कुश्ती संघ ने WFI का चुनाव नहीं होने की वजह से ये फैसला लिया है. इसे बृजभूषण शरण सिंह ने देश के लिए सबसे बड़ा आघात बताया है. उन्होंने कहा कि ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है, इसलिए वह प्रार्थना करते हैं कि देश जल्दी ही इस आघात से बाहर निकले. WFI की सद्स्यता रद्द होने के चलते अब 16 सितंबर से होनी वाली विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारतीय कुश्ती खिलाड़ियों को ओलंपिक क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में न्यूट्रल एथलीट के तौर पर हिस्सा लेना होगा.


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