दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने पूर्व छात्र को दूसरा मौका दिया है जो अपनी स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री पूरी नहीं कर सके है. डीयू उन्हें अब शताब्दी अवसर के तहत अपना पाठ्यक्रम पूरा करने का दूसरा मौका दे रहा है, इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से एक अधिसूचना जारी की गई है. इन छात्रों को एक मई से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा और फिर उनके आगे का पाठ्यक्रम पूरा होगा. कुलपति योगेश सिंह ने पहले घोषणा की थी कि 1 मई से डीयू के शताब्दी वर्ष समारोह के तहत पूर्व छात्रों को अपनी डिग्री पूरा करने का मौका दिया जाएगा.


डीयी में 28 जनवरी को आए एक कार्यकारी परिषद के प्रस्ताव के अनुसार डीयू के अंतिम वर्ष के पूर्व छात्र जो अपनी डिग्री पूरी नहीं कर सके. उन्हें शताब्दी वर्ष में दो बार आयोजित होने वाली परीक्षाओं में शामिल होकर अपनी डिग्री पूरी करने का अवसर दिया जाएगा. इसके लिए अस्थायी रूप से परीक्षा अक्टूबर 2022 और मार्च 2023 के दौरान आयोजित की जाएगी और यह केवल फिजिकिल मोड के माध्यम से आयोजित की जाएंगी.


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 शताब्दी अवसर को लेकर रजिस्टार विकास गुप्ता ने कहा कि  दिशानिर्देशों के अनुसार छात्र एक साल मोड के लिए अधिकतम चार पेपर और सेमेस्टर योजना के लिए आठ पेपर तक उपस्थित हो सकते हैं. इस परीक्षा की योजना पाठ्यक्रम में प्रवेश के समय लागू होगी. इसके साथ ही शताब्दी अवसर केवल सैद्धांतिक और व्यावहारिक परीक्षा के लिए आयोजित किया जाएगा. पूर्व छात्रों से शताब्दी अवसर के लिए परीक्षा शुल्क 2,000 रुपये प्रति पेपर होगा और एमफिल और पीएचडी छात्रों पर विचार नहीं किया जाएगा. डीयू में 1 मई को शताब्दी समारोह के लिए उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि होंगे. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे.