Delhi News: राजधानी दिल्ली में 18वें G-20 शिखर सम्मेलन का सफलतापूर्वक समापन हो गया और सभी राष्ट्राध्यक्ष और डिप्लोमैट्स वापस अपने देश के लिए कल दिल्ली से रवाना हो गए. इस दौरान दिल्ली पुलिस के ऊपर सबसे अधिक जिम्मेदारी रही, जिसका पुलिस के जवानों ने बिना थके और जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन किया. ताकि विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के साथ उनकी सुविधा भी सुनिश्चित हो सके. 


जी20 सम्मेलन समाप्त होने के बाद दिल्ली पुलिसकर्मियों के योगदान को देखते हुए दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा ने सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मियों की थकान उतारने के लिए दो दिन की छुट्टी की घोषणा की है. उन्होंने सभी DCP को अगले 10 दिन तक बारी-बारी से जवानों को 48 घंटे किनछुट्टी देने के निर्देश दिए हैं, ताकि वे तरोताजा हो कर अपनी ड्यूटी निभा सकें.


सीपी ने की पुलिसकर्मियों की तारीफ 


सीपी ने डीसीपी के माध्यम से दिए अपने संदेश में कहा कि "मुझे आपकी योग्यता, ईमानदारी, योजना बनाने और सावधानीपूर्वक क्रियान्वित करने की क्षमता के लिए आप सभी की प्रशंसा और सराहना व्यक्त करने के लिए उपयुक्त शब्द ढूंढने में कठिनाई हो रही है. उन्होंने कहा कि जटिल और बहुआयामी होने के बावजूद G20 व्यवस्था को आपने आसान और सुचारू बना दिया. आप सभी को मेरी बधाई और धन्यवाद. मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप इस संदेश को अपनी टीम के प्रत्येक कर्मी तक पहुंचाएं."


भारत ने दिया दुनिया को शांति का संदेश


गौरतलब कि भारत को नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली शहर में G20 की अध्यक्षता ऐसे समय पर सौंपी गई थी, जब पूरा विश्व आर्थिक चुनौतियों, जियो पॉलिटिक्स संघर्ष और कोरोना जैसी महामारी से उबरने की कोशिश में लगा हुआ था. ऐसे में भारत ने G20 का सफल आयोजन कर पूरी दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया. देशभर में इस सम्मेलन को लेकर तबातोड़ कई बैठकें की गई और विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं कर सुझाव और प्रस्ताव लिए गए. अध्यक्षता मिलने पर पीएम मोदी ने इसे भारत के लिए गौरव की बात बताई थी. भारत ने इस सम्मेलन के जरिए दुनिया को एक नई उम्मीद और युद्ध की बजाय शांति-सौहार्द्र का संदेश दिया.


ऐतिहासिक रहा 18वां G20 सम्मेलन


 G-20 का 18वां समिट ऐतिहासिक रहा. भारत ने संयुक्त घोषणा पत्र पर दुनिया के दिग्गजों के बीच ना सिर्फ सहमति बनवाई, बल्कि रूस से अपनी दोस्ती भी निभाई और यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के नाम का जिक्र तक नहीं होने दिया. इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है.