Delhi News: G20 शिखर सम्मेलन से पहले केंद्र सरकार ने दो बुक जारी की हैं, ‘भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ और ‘इलेक्शन इन इंडिया’, जिनमें 6,000 ईसा पूर्व से भारतीय लोकतंत्र की जड़ों के बारे में बताया गया है और शुरू में ही कहा गया है कि ‘देश का आधिकारिक नाम भारत है.’ साथ ही इसमें मुगल सम्राट अकबर को शांति और लोकतंत्र का समर्थक बताया गया है. अब इसको लेकर देश के तमाम राजनीतिक दल केंद्र सरकार पर तंज कस रहे हैं.
'हमें असली मन की बात बताएं'
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी इस मामले को लेकर केंद्र सराकर पर निशाना साधा है. सिब्बल ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, 'G20 मैगजीन में सरकार ने मुगल सम्राट अकबर को शांति और लोकतंत्र का समर्थक बताया. इनका एक चेहरा- दुनिया के लिए और दूसरा इंडिया के लिए जो भारत है! प्लीज हमें असली मन की बात बताएं!'
G20 मैगजीन में क्या कहा गया?
आपको बता दें कि G20 शिखर सम्मेलन से पहले केंद्र सरकार ने दो पुस्तिकाएं जारी की हैं, इसमें ‘भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी‘ शीर्षक वाली 52 पेज की बुक के पहले पृष्ठ में ही कहा गया है कि देश का आधिकारिक नाम भारत है. वहीं ‘द अंडरस्टैंडिंग मोनार्क’ शीर्षक वाले अपने खंड में कहा गया है कि धर्म की परवाह किए बिना सभी के कल्याण को अपनाने वाला अच्छा प्रशासन मुगल सम्राट अकबर द्वारा प्रचलित ‘लोकतंत्र का ही प्रकार’ था. इसमें कहा गया है, ‘अकबर की लोकतांत्रिक सोच असामान्य और अपने समय से बहुत आगे थी.’
चुनाव आयोग के बारे में क्या कहा गया?
बुक में कहा गया है कि आजादी के बाद से ‘स्वतंत्र भारत वैश्विक लोकतंत्र का एक स्तंभ है’ और इसने आम चुनावों के माध्यम से सत्ता के 17 शांतिपूर्ण हस्तांतरण,राज्यों के 400 से अधिक चुनाव और स्थानीय स्वशासन के दस लाख से अधिक चुनावों को देखा है. अपनी स्वतंत्रता को लेकर सवालों के दायरे में बने रहने वाले चुनाव आयोग का भी इसमें जिक्र है, और इसे ‘पूरी तरह से स्वतंत्र निकाय’ बताया गया है.
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