G20 Summit 2023: अगले महीने सितंबर में होने वाले G-20 समिट की मेजबानी को लेकर राजधानी दिल्ली लगभग तैयार हो चुकी है. इसके लिए दिल्ली में जहां पर यह सम्मेलन होना है और जिन जगहों पर वीआईपी मूवमेंट की संभावना है उन इलाकों को G-20 के रंगों में रंगने का काम किया गया है. इसके साथ ही एक ओर जहां राजधानी की सड़कों और फुटपाथों का सौंदर्यीकरण किया गया, तो वहीं दूसरी तरफ सड़क के किनारे और घूम-घूम कर भीख मांगने वाले भिखारियों को भी हटाया जा रहा है.


इस कवायद में दिल्ली की प्रमुख सड़कों से भिखारियों को पकड़कर रैन-बसेरों में भेजा जा रहा है. जिन इलाकों से भिखारियों को पकड़ कर रैन-बसेरों में भेजा जा रहा है, उनमें कश्मीरी गेट बस अड्डा, राजघाट और हनुमान मंदिर जैसे इलाके शामिल हैं. पकड़े गए ज्यादातर भिखारियों को द्वारका और रोहिणी के रैन बसेरों में भेजा जा रहा है.


दिव्यांग भिखारियों को भेजा गया सरकारी देखभाल केंद्र


इसके लिए दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) और समाज कल्याण विभाग की दर्जन भर से अधिक टीमें लगाई गई हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक करीब 3,600 भिखारियों को पकड़कर रैन बसेरों में भेजा जा चुका है. वहीं दिव्यांग भिखारियों को सरकारी देखभाल केंद्रों में ले जाया जा रहा है, जबकि बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग की बाल कल्याण समितियों को दो गयी है.


दिल्ली में 46 प्रतिशत भिखारी महिला


संबंधित जिले के सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय कर भिखारियों को रैन बसेरों में भेजने के संबंध में एक कार्य योजना तैयार करने के लिए DUSIB के चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में 4 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है. समाज कल्याण विभाग और मानव विकास संस्थान द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार दिल्ली में 20719 भिखारियों की पहचान हुई है. जिसमें 10987 पुरुष, 9541 महिलाएं और 191 ट्रांसजेंडर हैं.


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