Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट के पास की जगह बनी निवेशकों की पसंद, विदेशी कंपनियां भी इन्वेस्ट की इच्छुक
जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के पास की जगह निवेशकों की पसंद बन गई है. 6 इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम के लिए होड़ लग गई है. आवेदकों की अधिक संख्या को देखते हुए नंबरिंग से प्लॉट आवंटन करने का फैसला हुआ है.
Gautam Buddh Nagar News: दिल्ली से सटा उत्तर प्रदेश का गौतम बुद्ध नगर (Gautam Buddh Nagar) जिला निवेशकों (Investors) की पसंद बन गया है. सिर्फ देश की ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियां भी जिले में निवेश (Investment) करने की इच्छुक हैं. दरअसल, हाल ही में यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम (Industrial Plot Scheme) निकाला था. स्कीम में कुल 6 प्लॉट शामिल किए गए थे और 6 प्लॉट के लिए 121 निवेशकों ने आवेदन किया.
निवेशक कर रहे हैं आवेदन
जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के पास निकाली गई 6 इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम के लिए निवेशकों की होड़ लग गई है. यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण ने यमुना सिटी (Yamuna City) के पास प्लॉट स्कीम निकाली थी. उसके लिए कुल 121 आवेदन आए हैं. 6 इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम में से 7 हजार वर्ग मीटर के प्लॉट के लिए 31 आवेदन आए. 10 हजार वर्ग मीटर के लिए 29 आवेदन, 12 हजार वर्ग मीटर के लिए 27 आवेदन और 20 हजार वर्ग मीटर के लिए 34 आवेदन आए. इन प्लॉट का आवंटन (Allotment) लकी ड्रॉ से होगा.
Delhi News: जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन पर शाही इमाम का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा
लकी ड्रॉ कैसे होगा खास
इस बार इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम के लिए होने वाला आवंटन नंबरिंग के हिसाब से होगा. यानी जिसकी नंबरिंग ज्यादा होगी, उसे प्लॉट आवंटित किया जाएगा. 85 में से 60 फीसद नंबर आने पर निवेशक को प्लॉट आवंटन किया जाएगा. इसके बाद आवेदकों की जांच कमेटी बनेगी और सही डिटेल दे पानेवाले निवेशक प्रक्रिया में आगे तक जाएंगे. अगर कोई निवेशक ज्यादा रोजगार देता है या फिर ज्यादा निवेश करता है या जिसके पास विदेशी पूंजी ज्यादा होगी, उसे ज्यादा नंबर मिलेंगे.
रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
गौतम बुद्ध नगर का इंडस्ट्री हब बनने के कई कारण हैं. लेकिन जेवर एयरपोर्ट के बनने से कई कंपनियां निवेश करना चाहती हैं. कंपनियों के आने से रोजगार भी बढ़ेगा. डॉ अरुणवीर सिंह का कहना है कि यमुना सिटी में उद्योग लगने से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. स्थानीय युवाओं को ज्यादा फायदा होगा क्योंकि उन्हें प्राथमिकता मिलेगी.