Delhi News: दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में एक स्कूल ने अभिभावकों से कहा कि वे अपने बच्चों की टिफिन में नॉन-वेज भोजन (Non-Veg Food) भेजना बंद करें. स्कूल के इस कदम का कुछ अभिभावकों ने विरोध किया है और उन्होंने कहा कि यह भेदभाव करने जैसा है. हालांकि स्कूल के प्रिंसिपल ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि खाना शेयर करने के कारण बच्चे बीमार पड़ रहे थे.
'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक अभिभावकों को भेजी गई नोटिस में कहा गया है, ''लंच के लिए सुबह के वक्त नॉन-वेज बनाया जाता है जो कि अगर स्टोर कर रखा जाए तो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और बच्चों की भलाई हमारी प्राथमिकता है.'' स्कूल की ओर से कहा गया है कि शाकाहारी भोजन को बरकरार रख हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी बच्चे सम्मानित महसूस करें.
पहले भी दिया गया है ऐसा नोटिस
स्कूल की प्रिंसिपल सुकृति चौहान ने कहा कि उन्होंने पहले भी ऐसा नोटिस दिया था. उन्होंने कहा कि बच्चों की सेहत व सुरक्षा, सम्मान व समावेशिता को ध्यान में रखते हुए सर्कुलर भेजा गया था. स्टूडेंट्स एक-दूसरे के साथ टिफिन शेयर करते हैं और वे बीमार पड़ जाते हैं. बच्चों के अभिभावकों ने इस मुद्दे को उठाया था. चूंकि हम बच्चों से नहीं कह सकते कि वे खाना शेयर ना करें इसलिए हमने अभिभावकों को नोटिस भेजा.
पैरेंट्स एसोसिएशन ने किया विरोध
प्रिंसिपल ने साथ ही कहा कि नॉन-वेज खाना लाने पर कोई सजा नहीं दी जाएगी लेकिन अभिभावकों को इस बारे में सूचित कर दिया जाएगा. उधर, इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अनुभा श्रीवास्तव सहाय ने कहा कि कोई किसी भी तरह का भोजन करके बीमार हो सकता है. मुद्दा नॉन-वेज खाने की जगह बासी खाने का होना चाहिए. स्कूल इस तरह के निर्णय कैसे ले सकते हैं.
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