Gautam Buddh Nagar Jail: कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' को देखते हुए गौतम बुद्ध नगर कारागार में बनाया गया 'अस्थाई जेल'
जेल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि जेल के अंदर जो नए बंदी आ रहे हैं. उनके लिए अस्थाई जेल बनाई गई है. पहले उन्हें वहां रखा जाता है और फिर आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही प्रवेश दिया जाता है.
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Gautam Buddh Nagar Jail: भारत में कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' ने दस्तक दे दी है और इसके कई मरीज मिले हैं. इसे लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार अलर्ट हो गई है तो वहीं गौतम बुद्ध नगर जेल कारागार भी सतर्क है. इसे लेकर एबीपी गंगा के संवाददाता रविन्द्र जयंत ने जिला कारागार जाकर जेल सुपरिटेंडेंट अरुण प्रताप सिंह से बात की और जानना चाहा कि जेल में इस इन वेरिएंट को लेकर किस तरह की तैयारी है.
जेल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि जेल के अंदर जो भी नए बंदी आ रहे हैं. उनके लिए अस्थाई जेल बनाई गई है. पहले उन्हें उस अस्थाई जेल में रखा जाता है और फिर आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें जेल में प्रवेश दिया जाता है. फिर जेल के अंदर एक बैरक बनाया गया है, जिसमें उन बन्दियों को 14 दिन के लिए कोरेनटाइन किया जाता है ताकि यह बीमारी जेल में बंद और बंदियों को ना हो सके.
जेल में बंद ज्यादातर बंदियों को लगी चुकी कोविड-19 की डोज
उन्होंने कहा कि जेल के अंदर ज्यादातर सभी बंदियों को कोविड-19 की डोज लग चुकी है. आधे से ज्यादा बन्दियों को दूसरी डोज लग चुकी है. बैरक में भी बंदियों के रुकने के लिए 2 गज की दूरी का ख्याल रखा गया है. मास्क भी अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर का प्रयोग भी किया जा रहा है. अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि अभी लोग जेल में बंदियों से मिलने के लिए आ रहे हैं. कोविड प्रोटोकॉल के तहत बंदियों से मुलाकात कर रहे हैं लेकिन अगर कोविड की महामारी ज्यादा बढ़ती है तो जेल में मिलने पर रोक लगा दी जाएगी और परिजनों को फोन से बात करा दी जाएगा. हालांकि फोन पर बात अभी भी जारी है. इसको लेकर जिला कारागार और अलर्ट हो गया है.
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