Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सोमवार से ही यमुना में जल खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. ऐसे में आज सुबह हथिनीकुंड बैराज से 1 लाख 53 हजार 768 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना के किनारों पर बसी आबादी पर बड़ा संकट मंडरा गया है. वहां रहने वाले लोग अपनी जान बचाने के लिए दूसरे इलाकों में शिफ्ट कर रहे हैं. इसी बीच भाजपा सांसद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने बुधवार दोपहर दिल्ली में एक राहत शिविर का दौरा किया.


गौतम गंभीर ने लोगों के बीच पहुंचकर उनकी परेशानियां सुनीं और जल्द से जल्द मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया. इस दौरान भाजपा सांसद दिल्ली की आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधने से नहीं चूंके. गौतम गंभीर ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा, यमुना के बढ़ते जल स्तर के बीच दिल्ली में एक राहत शिविर का दौरा करने के बाद भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा, 'आम आदमी पार्टी पिछले 9 साल से सिर्फ आरोप की राजनीति कर रही है. उन्होंने दिल्ली में बुनियादी ढांचे पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया, केवल मुफ्त की राजनीति की, अपना घर बनाने की राजनीति की, लोगों को बेवकूफ बनाने की राजनीति की है. अब वे बाहर आकर ये कह रहे हैं कि हमने तो 100MM बारिश के लिए तैयारी की थी, लेकिन 150MM हो गई. AAP नेता सिर्फ फोटो खींचवाने के लिए पानी के बीच जाकर खड़े हो जाते हैं. उन्हें लोगों की हालत देखनी चाहिए यहां आकर.' 



उधर, यमुना में बढ़ता जलस्तर इस वक्त दिल्ली के लिए सबसे बड़ी परेशानी है. कृषि तथा बाढ़ नियंत्रण विभाग की मानें तो यमुना में जलस्तर और बढ़ने के आसार हैं. फिलहाल एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में बुधवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है. इस धारा के तहत एक स्थान में 4 से अधिक लोगों के एक ही स्थान पर एकत्रित होने पर रोक होती है. साथ ही नदी में जलस्तर बढ़ने की हालत में राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में जाने से रोकने के लिए तटबंध भी बनाए जा रहे हैं. बताते चलें कि उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है. जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में ‘भारी से अत्यधिक भारी’ वर्षा दर्ज की गई है. इससे नदियां, नाले उफान पर हैं और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है तथा आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं.