Delhi Rapid X Train: जर्मनी की कंपनी चलाएगी देश की पहली रैपिड एक्स ट्रेन, इस महीने उद्घाटन की तैयारी
जर्मन कंपनी पर परिचालन के साथ मरम्मत के काम की भी जिम्मेदारी होगी. कंपनी ने प्राइमरी सेक्शन का काम संभाल लिया.
देश की पहली रैपिड एक्स ट्रेन परिचालन के लिए तैयार है, लेकिन क्या आपको पता है कि दिल्ली NCR में चलने वाली रैपिडेक्स ट्रेन कौन चलाएगा, किसे दी गयी है इसकी जिम्मेदारी? और कहां से कहां तक चलेगी रैपिडेक्स? तो आइए हम देते हैं आपको पूरी जानकारी.
देश की पहली रैपिड एक्स ट्रेन परिचालन के लिए तैयार है, लेकिन क्या आपको पता है कि दिल्ली NCR में चलने वाली रैपिडेक्स ट्रेन कौन चलाएगा ? किसे दी गयी है इसकी जिम्मेदारी ? और कहां से कहां तक चलेगी रैपिडेक्स ? तो आइए हम देते हैं आपको पूरी जानकारी.
यात्रियों की सुविधाओं का रखा जाएगा विशेष ध्यान
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) का दावा है कि डॉयचे बान इंडिया (डीबी इंडिया कंपनी) बेहतर सेवा उपलब्ध कराएगी और यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखेगी. कंपनी ने करार होने के बाद प्राईमरी सेक्शन के साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन को अपने आधिपत्य में ले लिया है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि यह कंपनी कई देशों में सेवा दे रही है.
इसी महीने उद्घाटन की तैयारी
रैपिड एक्स ट्रेन का परिचालन इस माह के आखिरी में शुरू करने की तैयारी है. साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर का कॉरिडोर तैयार है. इस सेक्शन के पांचों स्टेशन अंदर से बन गए है. उनमें प्लेटफार्म बन गए हैं, साथ ही लिफ्ट, सीढियां और गेट भी तैयार हो गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से प्लेटफार्म को सीसीटीवी कैमरों से भी लैस कर दिया गया है.
82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर रैपिड एक्स ट्रेन दौड़ाने की योजना
बता दें कि, दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर रैपिड एक्स ट्रेन चलाया जाना है. जिसके लिए 2025 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके बाद इस पूरे सेक्शन पर रैपिड एक्स ट्रेन दौड़ेगी. लेकिन उससे पहले साहिबाबाद से दुहाई तक के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राईमरी सेक्शन से इसकी शुरुआत की जा रही है. इस पूरे कॉरिडोर की शुरुआत के बाद, यह दिल्ली-एनसीआर में प्रमुख शहरी स्थलों को आपस में जोड़ने में कारगर साबित होगी. जानकारी के अनुसार, एनसीआरटीसी स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा पैनलों की स्थापना भी की जा रही है. जिससे वातावरण को प्रदूषित होने से भी बचाया जाए.