UP Lawyers Protest: उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव वीना कुमारी (Veena Kumari) के एक आदेश के बाद चार दिनों से गौतमबुद्धनगर (Gautambuddhnagar) और गाजियाबाद (Ghaziabad) की तहसीलों में हड़ताल और धरना-प्रदर्शनों का दौर जारी है. दरअसल उत्तर प्रदेश प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने चार जनवरी को एक पत्र जारी किया है. इसमें पावर ऑफ अटॉर्नी को तुरंत प्रभाव से रोक दिया गया है. इसमें बैनामा लेखकों को संगठित गिरोह भी बताया गया है.
प्रमुख सचिव के अब आदेश के बाद से बैनामा लेखक वकील प्रदर्शन, हड़ताल और धरना देकर इस आदेश का विरोध जता रहे हैं. वकीलों की मांग है कि उत्तर प्रदेश प्रमुख सचिव मीना कुमारी एक पत्र जारी कर संगठित गिरोह के बयान पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे. वे पावर ऑफ अटॉर्नी को फिर से शुरू करने की मांग भी कर रहे हैं. इनका कहना है कि अगर सरकार को वाकई इसमें कुछ बदलाव करने हैं तो वह संवैधानिक तरीके से पहले प्रस्ताव लेकर आए, जिससे हम लोगों को भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का मौका मिल सके. लेकिन ऐसा किसी भी तरह का कोई काम नहीं किया गया है.
बैनामा लेखक वकीलों की यह हड़ताल गौतमबुद्धनगर की तीनों तहसीलों के साथ-साथ गाजियाबाद शहर और लोनी तहसील में चल रही है. इनकी हड़ताल के चलते उत्तर प्रदेश की सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो चुका है. बहरहाल अब एक तरफ तो बैनामा लेखक वकील हड़ताल पर बैठे हैं और दूसरी ओर तहसील में काम के लिए आए लोग भी परेशान हो रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि सरकार बीच का कौन सा रास्ता निकालती है.
गाजियाबाद में होती है सबसे अधिक रजिस्ट्री
इस मामले में एडीएम फाइनांस विवेक श्रीवास्तव ने बताया प्रमुख सचिव ने पावर ऑफ अटॉर्नी पर रोक लगा दी है. इसको लेकर तहसीलों में धरना-प्रदर्शन चल रहा है. गाजियाबाद की तीनों तहसीलों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. गाजियाबाद सदर में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री होती है. रजिस्ट्री का कार्य रुक जाने से राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है. एक दिन में चार से पांच हजार रजिस्ट्री होती है. एक तहसील में लगभग पांच से छह करोड़ रुपयों का हर दिन नुकसान हो रहा है. चार दिन में 24 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो चुका है.
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