Ghaziabad Pollution Went Down This Winter: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चला है कि इस सर्दी में गाजियाबाद (Ghaziabad) में हवा की गुणवत्ता पिछले दो वर्षों की तुलना में थोड़ी बेहतर थी. 15 अक्टूबर और 15 फरवरी के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रीडिंग बताती है कि 2021-22 में शहर की हवा गुणवत्ता 12 दिनों के लिए 'बेहद गंभीर' थी, वहीं 2020-21 में यह 33 दिनों के लिए 'बेहद गंभीर' स्थिति में थी. यह वह अवधि थी जब दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू था.


यूपीपीसीबी (UPPCB) के अनुसार, इस सर्दी में औसत पीएम 10 (पार्टिकुलेट मैटर 10) का स्तर 303 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जबकि 2020-21 ग्रैप अवधि में 363 एमपीसीएम और 2019 में 310 एमपीसीएम था.


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इस वजह से हवा की गुणवत्ता में हुआ सुधार


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, 0 और 50 के बीच एक AQI को "अच्छा", 51 और 100 "संतोषजनक", 101 और 200 "मध्यम", 201 और 300 "खराब", 301 और 400 "बहुत खराब" माना जाता है. वहीं इसे 401 और 500 के बीच "गंभीर" माना जाता है. इस सर्दी में औसत PM 2.5 का स्तर 178 एमपीसीएम था, जबकि 2020-21 में 228 एमपीसीएम और 2019-20 की अवधि में 211 एमपीसीएम था.


यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने कहा कि हवा की गुणवत्ता के स्तर में सुधार अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पूरा होने का परिणाम है. पर्यावरणविदों ने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के प्रयास पूरे साल जारी रहने चाहिए.


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