Delhi AIIMS News: देश की राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) इलाज कराने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी मरीज पहुंचते हैं. दरअसल, दिल्ली एम्स में न केवल विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलती है, बल्कि इसके लिए लोगों को पैसे भी तुलनात्मक रूप से काफी कम खर्च करने पड़ते हैं. यही कारण है कि एम्स में इलाज कराने वालों की भीड़ लगी रहती है. साथ ही उन्हें इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. खासकर एमआरआई, सिटी स्कैन और अन्य गंभीर जांच के लिए तो लोगों को महीनों का इंतजार करना होता है.
अब एम्स प्रशासन ने मरीजों को इससे निजात दिलाने के लिए अहम फैसले लिए हैं. मरीजों की समस्या को दूर करने के लिए खास योजना तैयार की है. इस योजना पर अमल होते ही मरीजों को एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. इस योजना में तहत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने उच्च स्तरीय जांच मशीनों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है.
MRI और 3 स्कैनर मशीन के लिए 302 करोड़
इस योजना के पीछे दिल्ली एम्स प्रशासन का मकसद मरीजों को कम समय में प्रभावी उपचार कराने की मंशा है. इसके लिए एम्स प्रशासन जांच की सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर रही है. ताकि एमआरआइ जांच और सीटी स्कैन जैसी जांच में चल रही वेटिंग की समस्या को दूर किया जा सके. इसके लिए एम्स के न्यूक्लियर मैगनेटिक रेजोनेंस विभाग ने 302 करोड़ की लागत से दो अत्याधुनिक एमआरआइ व तीन एमआर स्कैनर मशीन खरीदने की कार्य योजना तैयार की है. यह मशीनें खरीदे जाने के बाद जांच में वेटिंग की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएंगी. ये मशीनें अगले पांच वर्षों में दो चरणों में खरीदी जाएंगी.
खरीदी जाएंगी 7 टेस्ला क्षमता की मशीन
एम्स प्रशासन की ओर से जारी सूचना के मुताबिक 42 करोड़ की लागत से तीन टेस्ला की एमआरआई मशीन और 180 करोड़ की लागत से सात टेस्ला की एमआरआई मशीन खरीदी जाएंगी. बताया जा रहा है कि तीन टेस्ला की एमआरआई मशीन खरीदने के लिए एम्स ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. अस्पताल में पहले से मौजूद एक पुरानी मशीन को बदलकर यह नई मशीन खरीदी जाएंगी. एम्स के एक अधिकारी ने बताया कि सात टेस्ला क्षमता की एमआरआई मशीन अभी देश के किसी सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. पहली बार एम्स में यह मशीन खरीदने की कार्य योजना तैयार हुई है.
कैंसर की जांच में मददगार
दूसरे चरण में तीन एमआर स्कैनर मशीनें खरीदी जाएंगी. एम्स के एक डाक्टर ने बताया कि एमआरआई से शरीर के किसी खास हिस्से को स्कैन कर जांच की जाती है. एमआर स्कैनर से शरीर के पूरे हिस्से को स्कैन कर जांच की जा सकती है. कैंसर की जांच में यह तकनीक मददगार होगी. इसकी मदद से शरीर के किसी भी हिस्से में मौजूद ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है.
जांच के लिए 3 वर्ष तक की वेटिंग
इसके अलावा, सीटी स्कैन जांच के लिए तीन मशीनें खरीदी गई हैं. इसलिए जल्द ही सीटी स्कैन की जांच की सुविधा बढ़ेगी. एम्स में पहले एमआरआइ जांच के लिए तीन वर्ष तक की वेटिंग थी. वह भी तब जब अस्पताल में सात एमआरआई मशीनें मौजूद हैं. इसके अलावा सीटी स्कैन के लिए भी छह माह तक की वेटिंग थी. वेटिंग की समस्या को दूर करने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में एम्स प्रशासन ने जांच की सुविधा 24 घंटे कर दी थी.
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