(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्लीवालों के लिए खुशखबरी! गर्मियों में नहीं झेलनी पड़ेगी पानी की किल्लत, सबसे ज्यादा फायदे में रहेंगे इन इलाकों के लोग
Delhi Water Crisis: साल 2015 में प्रतिदिन 861 एमजीडी पानी का उत्पादन होता था. आज प्रतिदिन 990 एमजीडी पानी का उत्पादन होता है. 7 साल में 129 एमजीडी पानी का उत्पादन बढ़ा.
Delhi Water supply: हर साल गर्मियों में देश की राजधानी दिल्ली के लोगों को पेयजल संकट (Summer Water Crisis) का सामना करना पड़ता है. पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज और आसपास के लोग इस मामले में सबसे ज्यादा परेशानी उठाते आये हैं, लेकिन इस बार दिल्ली (Delhi Water Crisis) वालों के लिए खुशी की बात यह है कि गर्मी के दिनों में उन्हें पहले की तरह पानी की कमी की वजह से न तो रात को जागना पड़ेगा, न ही इस बात की चिंता कि पानी बचा के रखो. ऐसा इसलिए कि पटपड़गंज इलाके में आनंद लोक सोसायटी के पास निर्माणाधीन 110 लाख लीटर क्षमता के भूमिगत जलाशय (UGR) और बूस्टर पम्पिंग स्टेशन (BPS) अब चालू हो गया है. यानी पटपड़गंज और आसपास के लोगों को अब नवनिर्मित यूजीआर और बूस्टर पंप से पानी की आपूर्ति बेरोकटोक जारी रहने वाली है. यानी दिल्ली वालों के लिए यह खबर किसी बड़ी खुशखबरी (Good news for Delhites) से कम नहीं है.
दरअसल, 29 जनवरी को सीएम अरविंद केजरीवाल ने नवनिर्मित यूजीआर और बूस्टर पंप का लोकार्पण किया था. सीएम इस मौके पर लोगों को बधाई देते हुए बताया कि इस यूजीआर के जरिए आसपास के इलाके में रहने वाले एक लाख लोगों को फायदा होगा. जबसे दिल्ली में आप की सरकार बनी है तब से आज यह 12वां यूजीआर बनकर तैयार हुआ है. हालांकि, उनहोंने कहा कि ये बात भी नहीं है कि पिछली सरकारों ने काम नहीं किया, लेकिन जितनी तेजी से दिल्ली की आबादी बढ़ी, उतनी तेजी से काम पहले की सरकारों ने नहीं किया उन्होंने कहा कि 2015 में प्रतिदिन 861 एमजीडी पानी का उत्पादन होता था. आज प्रतिदिन 990 एमजीडी पानी का उत्पादन होता है. 7 साल में करीब 129 एमजीडी पानी का उत्पादन बढ़ा है. सीएम ने इस बात का भी जिक्र किया कि यह पानी बाहर से नहीं आया, बल्कि सरकार ने खुद ही जगह-जगह ट्यूबवेल और रैनीवेल बनाकर और भूमिगत जल को साफ कर जुटाया
सबसे ज्यादा फायदे में रहेंगे यहां के लोग
110 लाख लीटर क्षमता के भूमिगत जलाशय (यूजीआर) और बूस्टर पम्पिंग स्टेशन (बीपीएस) के चालू होने से कोंडली और त्रिलोकपुरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ सबसे ज्यादा मिलेगा. पटपड़गंज, पांडव नगर, मयूर कुंज, प्रताप विहार, पटपड़गंज विलेज, चिल्ला विलेज, शशि गार्डन समेत आस-पास की आठ कॉलोनियों और मयूर विहार फेज-1 की 31 सोसायटियों में रहने वाले लाखों लोग भी फायदे में रहेंगे. इन क्षेत्रों के लोगों को न केवल पानी मिलेगा बल्कि अच्छे प्रेशर के साथ साफ पानी की आपूर्ति की जा सकेगी. अभी तक इन इलाकों में रहने वाले लोगों को त्रिलोकपुरी यूजीआर से पानी मिलता था, जो यहां से काफी दूर है. इस वजह से अक्सर पानी कम प्रेशर से कम आता था या आता ही नहीं था.
नवनिर्मित यूजीआर और बीपीएस की ये है खासियत
- जलाशय के फीडर लाइन की लंबाई 4.1 किलोमीटर है.
- 12.90 किलोमीटर में है पेरिफेरल पाइपलाइन.
- पानी की सप्लाई के लिए 6 पंप लगे हैं. इनमें से 4 चलेंगे और 2 स्टैंड बाय में रहेंगे.
- यूजीआर और बीपीएस के निर्माण पर 1,053 लाख रुपए खर्च आया.
- फीडर और पेरिफेरल लाइन विकसित करने में 1148 लाख खर्च रुपए का खर्च आया.
- इस प्रोजेक्ट पर कुल 3205 लाख रुपए खर्च हुए.
- 110 लाख लीटर नए भूमिगत जलाशय की क्षमता.