Delhi Assembly Elections 2025: देश की राजधानी दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. कांग्रेस इस बार 2024 के लोकसभा की रणनीति के तहत न्याय यात्रा से ही अपने अभियान की शुरुआत करने जा रही है तो तो वहीं बीजेपी एक बार फिर RSS के पन्ना प्रमुखों के जरिए दिल्ली फतह का प्लान तैयार कर रही है. वहीं, AAP ने भी इस बार आरएसएस के पन्ना प्रमुखों की काट के लिए एक बार फिर अपने वॉलंटियर्स और बूथ की रणनीति को ही मजबूत करने की तैयारी की है.


आम आदमी पार्टी 11 नवंबर से 20 नवंबर तक 1 लाख वॉलंटियर्स को शपथ दिलाने के लिए दिल्ली के 14 जिलों में शपथ दिलवाने के कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है. आप ने इसके लिए हर जिले में 5 विधानसभाएं रखी है. जिसमें अरविंद केजरीवाल सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे. दिल्ली आप के संयोजक गोपाल राय ने इस संबंध में जानकारी दी है.


AAP ने विधानसभा चुनाव को लेकर बनाई रणनीति


लोकसभा चुनावों में दिल्ली की 7 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी ने उस जीत का श्रेय आरएसएस के साथ साझा किया था. उस वक्त बताया गया था कांग्रेस और आप के गठबंधन के बावजूद आरएसएस के पन्ना प्रमुख और उनकी छोटी बड़ी बैठकों ने बीजेपी को दिल्ली में 7-0 करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसी को ध्यान में रखते हुए आप ने दिल्ली के 13637 बूथों पर बूथ इंचार्ज बनाने की तैयारी कर ली है.


अब आपको बताते हैं कि आप की इस नई रणनीति को अमलीजामा कैसे पहनाया जाएगा, जिससे बीजेपी के पन्ना प्रमुखों को टक्कर दी जा सके. इसके लिए AAP ने एक खाका तैयार किया है.


दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर AAP का क्या प्लान?



  • 13637 बूथ इंचार्ज होंगे

  • हर बूथ पर 10 लोगों की एक कमेटी बनाई जाएगी

  • ये कमेटी 250 घर या 1000 लोगों को कवर करने का काम करेगी


इसके साथ ही दिल्ली के मंत्री और आप नेता गोपाल राय ने बताया कि बूथ इंचार्ज और बूथ कमेटियों के काम पर नजर रखने के लिए 3500 मंडल अध्यक्ष भी बनाए जाएंगे, जिसकी घोषणा भी पार्टी बहुत जल्द करने वाली है.


दिल्ली में कब हैं विधानसभा के चुनाव?


गौरतलब है कि दिल्ली में जनवरी अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे. बेशक चुनाव में अभी 2 से 3 महीने का समय अभी बाकी हो लेकिन चुनावी रणनीति पर तेजी से काम किया जा रहा है. यही वजह है कि बीजेपी के पन्ना प्रमुखों का जवाब देने के लिए आम आदमी पार्टी ने कमर कस ली है.


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