Gopal Rai का बीजेपी से सवाल, क्या IAS अश्वनी को स्मॉग टावर बंद करने के लिए DPCB का बनाया था चेयरमैन?
Delhi Air pollution: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्मॉग टावर लगाने के बाद साल 2021 से स्मॉग टावर को लेकर स्टडी का काम चल रहा था. अचानक आईएएस अधिकारी ने उसे बंद कर दिया.
Delhi Air Pollution News: दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण (Delhi air Pollution) को लेकर केजरीवाल सरकार के खिलाज्फ हमलावार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं पर शनिवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को कनाट प्लेस के जिस स्मॉग टावर (Smog Tower) को लेकर बीजेपी नेता अलग-अलग एंगल फोटो लेते और शोर मचाते दिखाई दिए, उसे बंद भी उनकी सरकार ने ही कराया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्मॉग टावर 23 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर लगाया था. स्मॉग टावर के अच्छे बुरे परिणामों को लेकर स्टडी चल रहा था. दो साल तक इसका स्टडी होना था. इस बीच केंद्र सरकार ने पहली बार दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (DPCB) के अध्यक्ष पद पर आईएसएस अश्वनी कुमार को उसका अध्यक्ष बना दिया. जबकि इससे पहले तक पर्यावरण विभाग के सचिव ही उसके अध्यक्ष हुआ करते थे.
उन्होंने कहा कि अश्वनी कुमार ने आते ही स्मॉग टावर के लिए आवंटित दो करोड़ रुपये जारी करने पर रोक लगा दी. इसका परिणाम यह निकला कि विशेषज्ञों की टीम ने उसका अध्ययन बंद कर दिया. अब प्रदूषण की समस्या बढ़ने पर उसी स्मॉग टावर को लेकर बीजेपी के नेता सबसे ज्यादा शोर मचा रहे हैं. मैं, केंद्र सरकार और बीजेपी नेतृत्व से पूछना चाहता हूं, क्या उन्होंने स्मॉग टावर बंद करने के लिए ही अश्वनी को स्थापित परंपरा के खिलाफ जाकर डीपीसीबी का अध्यक्ष बनाया था.
स्मॉग टावर को बंद करने के पीछे बीजेपी की साजिश
आज प्रदूषण के स्तर में थोड़ी गिरावट देखी गई है. पिछले दो दिन के मुकाबले आज सुबह AQI 407 दर्ज किया गया है, लेकिन दिल्ली की स्थिति अभी भी गंभीर श्रेणी पर बनी हुई है. आने वाले कुछ दिनों तक ऐसा ही रहने वाला है, लेकिन ये सिर्फ दिल्ली का प्रदूषण नहीं है बल्कि दिल्ली के आसपास का प्रदूषण भी है. GRAP-3 को सख्ती से लागू करवाया. कल बीजेपी वाले स्मॉग टावर पर जाकर ये बता रहे थे कि स्मॉग टावर बंद है. मैं, आज बताना चाहता हूं कि ये टावर किस षड्यंत्र के तहत बंद हुआ.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी 2020 को कहा था कि 2 स्मॉग टावर लगाए जाएं. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक केंद्र को लगाना था और एक दिल्ली सरकार को. इसके बाद हमने कैबिनेट में फैसला लिया कि 2 साल के लिए स्मॉग टावर प्रोजेक्ट पर काम किया जाए. कनॉट प्लेस में हमने स्मॉग टावर लगाया. 2021 में ये शुरू हुआ. इस पर स्टडी शुरू हुई. IIT मुंबई और दिल्ली ने स्टडी शुरू की. 1 किलोमीटर के दायरे में प्रभाव देखा जाना था. इसका असर दिखाई दे रहा था.
आईआईटी टीम की स्टडी कारगर नहीं
अचानक DPCC के अंदर स्पेशल ड्यूटी पर केंद्र सरकार द्वारा अश्विनी कुमार को चेयरमैन नियुक्त किया. जबकि पहले पर्यावरण विभाग का सचिव ही DPCC का चेयरमैन होता था. पहले उन्होंने रियल टाइम अपोर्समेंट स्टडी बंद कर दी, फिर स्मॉग टावर की पेमेंट भी रोक दी. पेमेंट रोक देने से सभी एजेंसियों ने काम करना बंद कर दिया और स्मॉग टावर ठप हो गया. क्या इसलिए केंद्र सरकार ने अश्विनी कुमार को DPCC का चेयरमेन बनाया था. सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की अहवेलना कर दी. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि इस स्मॉग टावर की स्टडी कारगर नहीं है.