Farm Bills Repeal: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों का वापस लेने पर विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ बीजेपी के कई नेता और यहां तक की राज्यपाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. कृषि कानूनों को लेकर कई बार बोल चुके मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कृषि कानूनों पर खुलकर अपनी बात कही.
पीएम मोदी का किया आभार व्यक्त
'हिन्दुस्तान टाइम्स' को दिए एक इंटरव्यू में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने किसानों को भी बधाई दी है. उन्होंने संवैधानिक पद पर रहते हुए भी किसानों के हक में आवाज उठाने के सवाल पर कहा कि लोग वास्तव में संवैधानिक अधिकारों और दायित्वों को नहीं समझते हैं. किसी भी तरह से संवैधानिक स्थिति आपको जुबान बंद रखने के लिए मजबूर नहीं करती है. यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने संवैधानिक पद पर रहते हुए भी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हिंदू कोड बिल का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं अपने पद को त्यागने के लिए तैयार था.
साथ ही उन्होंने कहा कि ये किसान की जमीन को हथियाने का मुद्दा था. इस कानून को वापस लेने से किसान खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे. उन्होंने कहा कि इतनी मुश्किलों के बावजूद किसानों ने आंदोलन को शांतिपूर्ण रखा इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं. यही नहीं इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा "मुझे नहीं लगता कि एमएसपी की गारंटी के बिना किसान झुकेंगे या आंदोलन बंद करेंगे. इस समय एमएसपी के बावजूद, किसानों को अभी भी बड़े पैमाने पर अपनी फसल को बेचने में परेशानी हो रही है. ऐसे में सरकार को उनकी एमएसपी को लेकर जो मांग है, उसे भी माननी होगी."
कश्मीर पर किताब लिखेंगे राज्यपाल सत्यपाल मलिक
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, "सरकार भी जानती थी कि किसान इस कानून को वापस लेने के अलावा कुछ और नहीं मानेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने इतने महीने के बाद ये फैसला क्यों लिया, ये मैं एक्सप्लेन नहीं कर सकता." उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी गुजरात के सीएम थे तब हमेशा एमएसपी का समर्थन किया लेकिन अब उनके विचार अलग हैं. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसका यूपी चुनाव पर होने वाले असर को लेकर कहा कि कुछ हद तक पश्चिम यूपी में होगा. वहीं सक्रिय राजनीति में लौटने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है और वे कश्मीर पर किताबें लिखने वाले हैं.
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