Delhi-NCR Pollution: दिल्ली के साथ ही ग्रेटर नोएडा और नोएडा में प्रदूषण का स्तर दिवाली से पहले ही खतरनाक जोन में पहुंच गया है. आने वाले दिनों में और ज्यादा खतरनाक होने का अनुमान है. नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार (30 अक्टूबर) को शाम 4 बजे के बाद 302 और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई (AQI) 334 अंक दर्ज हुआ है, जोकि बहुत खराब रेड जोन श्रेणी में आता है. इससे बुजुर्ग और बच्चों के लिए हवा हानिकारक साबित हो रही है. आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतें आ रही है. 


जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग ने इससे निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. दिवाली के पहले ही प्रदूषण का स्तर रेड जोन में पहुंचने से ग्रैप की गाइडलाइन के अनुसार पाबंदियां बढ़ाई जा सकती हैं. स्मॉग की चादर ने शहर को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया है. आसमान पर धूल के गुबार छाए हुए हैं. प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है.


जगह-जगह जलाया जा रहा है कूड़ा


इसका कारण है कि ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान का पालन पूरी तरह से नहीं किया जा रहा है. जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है. जिम्मेदार अधिकारी नदारद हैं. उनकी लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. सेक्टर जू-1 की कॉमर्शियल बेल्ट में रोजाना कूड़ा डाला जाता है, जो प्राधिकरण के ठेकेदार और निजी लोग डाल रहे हैं. आए-दिन कूड़े को जला दिया जाता है. इसी तरह ग्रेनो वेस्ट, औद्योगिक सेक्टर इकोटेक तीन, प्रिया गोल्ड कंपनी के पास भी कूड़ा जलाया जा रहा है लेकिन, प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.


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