Delhi News: ग्रेटर नोएडा के 39 से ज्यादा गांवों के किसानों का प्रदर्शन लगभग 90 दिनों से लगातार जारी है. विभिन्न मांगों को लेकर किसान ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना पर बैठे है. इस दौरान क्षेत्रीय विधायक अनेक जनप्रतिनिधि और समाजसेवी संगठनों का भी उनसे मिलना जारी है. ग्रेटर नोएडा के किसानों के प्रदर्शन में महिलाएं बच्चे और हर उम्र के लोग अपने हक अधिकारों के लिए बैठे है. किसानों का कहना है कि यह हमारे भविष्य के साथ-साथ पैतृक संपत्ति से जुड़ा हुआ गंभीर विषय है. समिति गठित करने के लिखित आदेश जारी होने के बाद उस फैसले को वापस ले लिया गया या सोचने का विषय की आखिर में प्राधिकरण हमारे अधिकारों के साथ ऐसा मनमाना रवैया क्यों अपना रहा है.
इन चार मांगों को लेकर धरने पर है किसान
अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में बीते 90 दिनों से धरना प्रदर्शन लगातार जारी है. इस दौरान उन्हें दूसरे राज्यों के भी किसान संगठनों का समर्थन मिला है. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ हल्ला बोलने वाले अखिल भारतीय किसान सभा के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के 39 गांव के किसान 90 दिनों से अधिक से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना पर बैठे हैं. इस दौरान प्रचंड धूप बारिश और अनेक मुसीबत का सामना करते हुए अपनी आवाज को शांतिपूर्ण ढंग से प्राधिकरण के समक्ष रख रहे हैं. प्रमुख मांगों में चार गुना सर्किल रेट मुआवजा, 10% आबादी प्लांट, नए कृषि कानून को लागू करना, भूमिहीन किसानों को प्लाट और किसानों के बच्चों के लिए रोजगार नीति संबंधित महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं.
मांगे नहीं मानें जाने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
जुलाई महीने में प्राधिकरण द्वारा कमेटी गठित करने का लिखित आदेश भी जारी किया गया था. इस दौरान हम आश्वस्त हो गए कि हमारी मांग को सुन लिया गया है और इस पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाएगा. लेकिन उसके बाद भी इस लिखित आदेश को पलटते हुए एक बार फिर हमारे अधिकारों के साथ मनमाना रवैया अपनाया जा रहा है. हमारा प्रदर्शन लगातार तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगों को सुन नहीं लिया जाता. इस दौरान अनेक जनप्रतिनिधियों की हमसे मुलाकात भी जारी है. यह मांग हमारे अधिकार- भविष्य के साथ-साथ पैतृक संपत्ति के मान सम्मान से जुड़ा हुआ गंभीर विषय है और हम इससे किसी भी हाल में समझौता नहीं करेंगे.