Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा की सोसाइटियों और सेक्टरों में डॉग्स को लेकर आए दिन झगड़े होते रहते हैं. कभी डॉग्स को घुमाने को लेकर तो कभी दो डॉग्स के झगड़ों को लेकर ही ये लड़ाईयां हो जाती है. कई बार तो नौबत यहां तक आ जाती है कि मामला थाने तक पहुंच जाता है. हालांकि अब ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोगों को इन झगड़ों से राहत मिल सकती है क्योंकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब डॉग्स कि वैक्सीनेशन और उनकी नसबंदी करवाने वाला है. इसमें देसी नस्ल यानी स्ट्रीट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन 100 रुपए में होगा. वहीं विदेशी नस्ल के डॉग्स के लिए 500 रुपए खर्च होंगे. इसके बाद प्राधिकरण खुद रजिस्टर्ड डॉग्स का वैक्सीनेशन और नसबंदी करवाएगा.
प्राधिकरण उठाएगा रजिस्टर्ड डॉग्स का खर्च
दरअसल, रजिस्ट्रेशन करवाने के फायदे लोगों को होंगे क्योंकि रजिस्टर्ड डॉग्स का वैक्सीनेशन और उनकी नसबंदी दोनों का जिम्मा प्राधिकरण ही उठाएगा. इसके साथ यह भी तय किया गया है कि ग्रेटर नोएडा में जो लावारिस डॉग्स है उनके लिए शेल्टर होम बनाया जाएगा. इसके साथ उनके लिए अस्पताल भी बनाने का फैसला लिया गया है. बता दे कि बीते एक साल से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और वहां काम करने वाली कई सामाजिक संस्थाएं मिलकर काम कर रही है और ये डॉग्स का रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन और नसबंदी करा रहे थे. इस कड़ी में ग्रेटर नोएडा में अब तक लगभग 2,800 डॉग्स की नसबंदी हो चुकी है.
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ग्रेटर नोएडा में है 8 हजार डॉग्स
वहीं आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो ग्रेटर नोएडा में करीब आठ हजार डॉग्स हैं लेकिन इस बीच मसला यह है कि हर साल इनकी तादाद बढ़ती जा रही है और अभी लगभग पांच हजार डॉग्स की नसबंदी बाकी है. ऐसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में ये तय किया गया है कि सेक्टर में सोसाइटियों में को डॉग्स है उनके रजिस्ट्रेशन और उनकी नसबंदी का जितना भी खर्च होगा वो आरडब्ल्यूए और एओए उठाएगी. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक स्वास्थ्य सलिल यादव ने बताया कि सोसाइटी में डॉग्स के रजिस्ट्रेशन और नसबंदी का खर्च वहां के आरडब्ल्यूए और एओए को दिया गया है वहीं गांव, सार्वजनिक स्थानों और जिन सेक्टरों में दोनो में आरडब्ल्यूए और अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन नहीं है. वहां डॉग्स की नसबंदी और वैक्सीनेशन का खर्च और जिम्मेदारी प्राधिकरण लेगा.