Dwarka Expressway Cost: द्वारका एक्सप्रेस-वे पर CAG की रिपोर्ट से हंगामा, अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, जानें क्या कहा
Dwarka Expressway: एनएचएआई द्वारा स्वीकृति राशि के उलट संसद की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रति किलोमीटर लागत 18.20 करोड़ रुपये के हिसाब से इस परियोजना पर काम करने की इजाजत दी थी.
Delhi News: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG Report) ने 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे ( Dwarka Expressway Cost) की लागत को लेकर बड़ा खुलासा किया है. कैग ने भारतमाला परियोजना के पहले चरण के कार्यान्वयन पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बोर्ड ने द्वारका एक्सप्रेसवे ( Dwarka Expressway) को प्रति किलोमीटर 250.77 करोड़ रुपये की सिविल लागत के साथ इसकी मंजूरी दी थी. जबकि संसद की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रति किलोमीटर लागत 18.20 करोड़ रुपये के हिसाब से इसे बनाने की स्वीकृति दी थी. यानी इस प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य तय राशि से 14 गुना ज्यादा कीमत की गई.
भ्रष्टाचार के टूटे सारे रिकॉर्ड तोड़: अरविंद केजरीवाल
इस मामले का खुलासा होने के बाद से सियासी गलियारों में हंगामा मचा है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने एक मीडिया क्लिपिंग सभी से साझा करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के 75 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बता दें कि द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने के लिए किया जा रहा है. इस परियोजना का विकास दिल्ली और गुरुग्राम के बीच नेशनल हाईवे 48 के सामानांतर विकसित किया गया है। ताकि नेशनल हाईवे पर भीड़ को कम किया जा सके।
द्वारका एक्सप्रेसवे अनुमोदन में भी बरती गई लापरवाही
कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है किपूरे आठ-लेन मुख्य कैरिजवे को उन्नत और संरक्षित बनाने के बजाय राजमार्ग ग्रेड के चौराहे पर अंडरपास या फ्लाईओवर का निर्माण कहीं ज्याया व्यावहारिक विकल्प था. हकीकत यह है कि द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत केवल एक स्थान पर भीड से बचने के लिए अंडरपास बनाने की योजना थी. अगर ऐसा किया जाता तो इससे हरियाणा क्षेत्र में इस परियोजना पर आने वाली भारी लागत को कम किया जा सकता था। सीएजी ने ये भी कहा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे का बिना किसी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के मूल्यांकन और अनुमोदन किया गया था।
कैग ने स्वीकृति पर भी उठाए सवाल
इतना ही नहीं, कैग ने अपनी रिपोर्ट में भारत माला परियोजना के तहत बन रहे सकड़ों के स्वीकृत और लागत राशि पर भी कई सवाल उठाए हैं. कैग रिपोर्ट के मुताबिक अभी उसने एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की 2017 से 2021 तक की रिपोर्ट का ऑडिट किया है. कैग ने द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर निर्माण को लेकर भी सवाल खड़े उठाए हैं. कैग रिपोर्ट के अनुसार यह प्रोजेक्ट CCEA की ओर से स्वीकृत परियोजना की सूची में ही नहीं था. यानी एनएचएआई ने अपने स्तर पर 33 हजार करोड़ रुपये खर्च कर लिए. CAG की रिपोर्ट के मुताबिक भारतमाला परियोजना एक के तहत 76,999 किलोमीटर की सड़कें बनाई जा रही है. इसमें से 70,950 किलोमीटर सड़क NHAI बना रहा है.
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