Gurugram News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठ जाने के चलते जगह-जगह कूड़े के देर लग गए हैं नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर क्या बैठे शहर कूड़ा ग्राम बन गया है. जगह-जगह सड़क के किनारे कूड़े का ढेर नजर आ रहा है कूड़े के देर में आवारा पशु भी मुंह करने पहुंच रहे हैं जिनकी वजह से वाहन चालकों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है. आपको बता दें की हड़ताल पर बैठे नगर निगम कर्मचारियों के समर्थन में अलग-अलग यूनियन ने भी समर्थन दे दिया है.
मांगे नहीं मानी गई तो होगा बड़ा आंदोलन
कर्मचारी नेता बसंत कुमार ने बताया कि अगर तीन दिन में उनकी मांगों को न माना गया तो वह 15 अक्टूबर को रोहतक में होने वाली रैली के दौरान बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ देंगे और गुरुग्राम ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि उनकी मांगों काे सरकार ने पहले ही लिखित रूप से मान लिया, लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं किया. इसके बावजूद भी सरकार मनमानी करते हुए नगर निगम में लगे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है, जिसे वह बर्दाश्त नहीं करेंगे.
छटनी से कर्मचारियों में घोर नाराजगी
नगर पालिका कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि हाल ही में नगर निगम के अधिकारियों ने मैनपावर के ठेके को समाप्त कर ऑपरेशन एंड मैंटीनेंस के ठेके दिए हैं, जिसका वह विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा, निगम ने कार्यरत 3 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को भी छटनी कर निकाल दिया. इन कर्मचारियों के घर में चूल्हे जलने तक बंद हो गए हैं. कई कर्मचारियों को उनके मकान मालिक ने किराया न देने के कारण घर से निकाल दिया है, तो कुछ कर्मचारियों को दुकान से राशन तक नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में सरकार की तरफ वह बड़ी आस लेकर बैठे हैं, लेकिन सरकार ने इन कर्मचारियों का दुख दर्द समझने की बजाय उन्हें नौकरी से निकाल दिया. उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर तक सरकार ने उनकी मांगों को न माना तो वह रोहतक के लिए पैदल कूंच कर जाएंगे और 15 अक्टूबर को होने वाली रैली में बड़े आंदोलन का ऐलान करते हुए प्रदेश में सफाई व्यवस्था ठप कर देंगे.
आम जनता जीना हुआ दुश्वार
कर्मचारी नेता राम सिंह ने बताया कि फिलहाल कर्मचारियों और नगर निगम अधिकारियों व सरकार में हो रहे टकराव का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. पिछले कई दिनों से शहर में सफाई व्यवस्था ठप है. जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर के कारण शहर में बीमारियां घर करने लगी हैं और लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. अब देखना यह होगा कि कर्मचारी नेताओं और सरकार के बीच मांगों पर क्या सहमति बन पाती है और कर्मचारियों की हड़ताल कब खत्म होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
(राजेश यादव की रिपोर्ट)