Gurugram Administration: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के पंचायत भवन में वेंडर्स की दुकानों में तोडफ़ोड़ को लेकर वेंडर्स एसोशिएशन में भारी रोष व्याप्त हो गया है.  हालांकि वेंडर एसोशिएशन ने गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला से मुलाकात कर तोड़फोड़ की. कारवाई को रोके जाने की गुहार लगाई थी. विधायक ने आश्वाशन भी दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी वहां तोड़फोड़ की कार्रवाई लगातार जारी रही.


जिसको लेकर वेंडरों में भारी रोष व्याप्त हो गया है. गुरुग्राम के पंचायत भवन परिसर में काफी वेंडर, टाइपिस्ट अपना रोजगार कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. यहां बनी दुकानों में पिछले कई दिनों से तोडफ़ोड़ की कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जा रही है.


जिला प्रशासन द्वारा की जा रही तोड़फोड़ से पंचायत भवन में बैठे वेंडर्स का काम प्रभावित हो रहा है. रोजाना तोडफ़ोड़ की कार्रवाई की जा रही है. यहां से हजारों लोगों की रोजी-रोटी चलती है. अगर दुकानों को तोड़ दिया जाता है तो सभी के काम ठप हो जाएंगे.


वकील अरुण शर्मा, महेंद्र सिंह और राम निवास का कहना है कि वेंडरों के सामने अब रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है. वेंडरों की मानें तो पिछले काफी साल से वह लोग यहां बैठ कर अपने घर का खर्च चला रहे है. जिस जगह पर वह लोग बैठे हुए है उस जगह का किराया भी वह लोग दे रहे हैं. बावजूद इसके उनको उजाड़ा जा रहा है. जिला प्रशासन यहां तक बताने को तैयार नही है कि उनके लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. वह लोग अपना रोजगार कहा बैठ कर चलाएं.


पंचायत भवन में स्टाम्प वेंडर, टाइपिस्ट, एडवोकेट, नोटरी, वसीका नवीस से लेकर हर तरह के लोग बैठे हुए हैं, जो अपना रोजगार चला रहे हैं. वहां कहा की अगर इनके कमाने के ठिकाने उजड़ गए तो उनके घर भी उजड़ जायेंगे. 


इसके साथ साथ वहां मौजूद लोगों ने कहा की हालांकि सरकार एक तरफ तो कहती है कि किसी को उजाड़ा नहीं जाएगा और दूसरी तरफ उनकी रोजी रोटी छीनने का काम कर रही है. वेंडर एसोसिएशन ने मीटिंग कर आगे की रणनीति बनानी शुरू कर दी है. वेंडर क्या कदम उठाते है यह तो मीटिंग के बाद ही साफ हो पाएगा, फिलहाल तो प्रशासन की कार्रवाई से वेंडरों में खासा रोष व्याप्त है. वही ये जमीन जिला परिषद की बताई जा रही है. (राजेंश यादव की रिपोर्ट)


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