Gurugram News: दिल्ली-एनसीआर में 15 साल से पुराने डीजल जेनरेटर सेट के इस्तेमाल पर लग सकती है रोक, बनेंगे ये सख्त नियम
Gurugram News: सीपीसीबी का कहना है कि 800 किलोवाट से ज्यादा के जेनरेटर सेट के लिए कड़े से कड़े नियम लाए जाएंगे. देश में 95 प्रतिशत से ज्यादा जेनरेटर सेट 800 किलोवाट से ज्यादा के हैं.
Gurugram News: दिल्ली एनसीआर में 15 साल से पुराने डीजल जेनरेटर सेट (Diesel generator sets) के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है. अब इसे कड़े नियमों के अंदर लाया जाएगा. एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने इसके लिए प्रस्ताव रखा है. बता दें कि डीजल जेनरेटर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है. एनसीआर (NCR) में इसका काफी इस्तेमाल होता है. एनसीआर के शहरों में उद्योगों में और आवासीय परिसरों में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. लगातार पावर सप्लाई बनाए रखने के लिए गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा (Noida) में इनका काफी इस्तेमाल होता है.
लाए जाएंगे कड़े नियम
सीपीसीबी का कहना है कि 800 किलोवाट से ज्यादा के जेनरेटर सेट के लिए कड़े से कड़े नियम लाए जाएंगे. उसके मुताबिक भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले 95 प्रतिशत से ज्यादा जेनरेटर सेट 800 किलोवाट से ज्यादा के हैं. सीपीसीबी के अनुमान के मुताबिक देश के संगठित क्षेत्र में पिछले 5 सालों से हर साल 1 लाख 20 हजार डीजल जेनरेटर सेट आए हैं. असंगठित क्षेत्र में 30-40 हजार डीजल जेनरेटर सेट आए हैं.
गैसें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
बता दें कि सर्दियों के महीने में जब वायु प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है तब डीजल जेनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है. पिछले महीने एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में सुधार होने के बाद प्रदूषण स्तर में कमी आ गई थी जिसके बाद इसपर लगी रोक को हटा लिया गया था. विशेषज्ञों का कहना है कि डीजल जेनरेटर सेट से निकलने वाली नाइट्रोजन और कार्बन की ऑक्साइड गैसें पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती हैं.