Gurugram News: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में लंबे और अनिर्धारित बिजली कटौती निवासियों को बिजली के लिए दूसरे विकल्प तलाशने को मजबूर कर रही है. क्योंकि आरडब्ल्यूए को डीजल जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसकी लागत 22 रुपये और 30 रुपये प्रति यूनिट है. बिजली कटौती के कारण मेंटेनेंस चार्जेस में भी इजाफा हुआ है. लोगों का कहना है कि बिजली कटौती 10 घंटे तक चलती है, जिससे जनरेटर पर निर्भरता बढ़ जाती है. जनरेटर सेट पर निर्भरता के कारण पिछले एक महीने में डीजल की खरीद भी बढ़ी है.


8-10 घंटे जाती है बिजली
द्वारका एक्सप्रेस-वे वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष यशेश यादव ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में स्थिति और खराब हुई है. उन्होंने कहा, "हर रोज आठ से 10 घंटे बिजली कटौती के साथ हम जनरेटर सेट पर भरोसा करने के लिए मजबूर हैं, जिसकी कीमत हमें प्रति यूनिट (बिजली की खपत के लिए) है और डीजल की बढ़ती कीमत के साथ बढ़ जाती है."


जनरेटर से बढ़ रहा प्रदूषण
एस्सेल टॉवर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव सिन्हा ने कहा कि इस साल गर्मी की शुरुआत के साथ लगातार बिजली कटौती शुरू हुई. उन्होंने कहा, "जैसा कि जेनसेट दिन भर चल रहा है, यह न केवल हमारे बिजली बैकअप बिल को बढ़ा रहा है बल्कि प्रदूषण में भी योगदान दे रहा है. बिजली लाइनों में खराबी, फीडरों व ट्रांसफार्मर के ट्रिपिंग के कारण बिजली की अधिक खपत के कारण हम नियमित बिजली आपूर्ति से वंचित हैं. जेनसेट हमें कुछ राहत प्रदान करते हैं, लेकिन वे हवा को प्रदूषित करते हैं. बार-बार बिजली कटौती और उतार-चढ़ाव के कारण खराब होने के कारण जेनसेट की रखरखाव लागत भी बढ़ गई है."


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