गुरुग्राम के फेमस रेस्तरां ने दिव्यांग महिला को नहीं दी एंट्री, जानें क्या है वजह
Gurugram news: सृष्टि पांडे का आरोप है कि साइबर हब में रास्ता गुड़गांव में एंट्री नहीं दी गई.
Gurugram news: हरियाणा स्थित गुरुग्राम में दिव्यांग महिला ने दावा किया है कि एक रेस्तरां ने उसे अपने यहां एंट्री देने से मना कर दिया. युवती के मुताबिक रेस्तरां ने कहा कि 'वह अन्य ग्राहकों को परेशान करेंगी.' सृष्टि पांडे ने यह दावा अपने ट्विटर अकाउंट पर किया.
सृष्टि पांडेय ने कहा- "मैंने अपने दोस्त और उसके परिवार के साथ बाहर जाने का फैसला किया. हम साइबर हब (Cyber Hub Gurugram) स्थित रास्ता गुड़गांव (Raasta Gurgaon) गए और 4 लोगों के लिए एक टेबल मांगी. मैनेजर ने हमें दो बार नजरअंदाज किया. फिर बाद में कहा कि व्हीलचेयर अंदर नहीं जाएगी, क्योंकि इससे दूसरे ग्राहकों को परेशानी होगी."
ऐसे रवैये की आशंका नहीं थी- सृष्टि पांडेय
उन्होंने कहा- "मैं इस जवाब पर चौंक गई लेकिन. मैंने उसके बाद एक शब्द भी नहीं कहा. हमें ऐसी फैंसी जगह से इस तरह के रवैये की आशंका नहीं थी." युवती ने कहा- "ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. मुझे शैक्षणिक संस्थानों समेत कई जगहों पर रोका जा चुका है. और अब रेस्तरां में भी रोक दिया गया. ऐसा लगता है कि जैसे कोई मुझे चाहता ही नहीं कि मैं कहीं रहूं."
सृष्टि पांडेय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी पूरा वाकया ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा- "मेरे दोस्त के बड़े भाई ने चार लोगों के लिए एक टेबल बुक करने को कहा. डेस्क पर मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें दो बार नजरअंदाज किया."
स्टाफ ने कहा- "अंदर ग्राहक परेशान हो जाएंगे"
युवती के मुताबिक "तीसरी बार जब उन्होंने पूछा, तो स्टाफ ने जवाब दिया व्हीलचेयर अंदर नहीं जाएगी. हमने सोचा कि हो सकता है अंदर जाने में कोई समस्या हो तो हमने कहा कि हम मैनेज कर लेंगे, आप सिर्फ एक टेबल बुक कर दें लेकिन ऐसा नहीं था. इसके बाद स्टाफ ने जो कहा मैं हैरान रह गई." स्टाफ ने मेरी ओर इशारा करते हुए कहा कि "अंदर ग्राहक परेशान हो जाएंगे."
ट्विटर पर सृष्टि पांडेय ने लिखा- "काफी बहस के बाद उसने हमें बाहर एक टेबल लाने को कहा. अब बाहर बैठना बेकार था. ठंड हो रही थी और मैं ठंड में ज्यादा देर तक बाहर नहीं बैठ सकती क्योंकि मेरे शरीर में ऐंठन हो जाती है. फिर भी मुझे बाहर क्यों बैठाया जाए? बाकी सब से अलग? अगर हमें बाहर बैठने की जगह चाहिए होती तो हम मांगते...आखिरकार हमें जाने के लिए कहा गया..."
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