Gurugram Online Exam Protest: गुरुग्राम विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों के छात्रों ने यहां उपायुक्त कार्यालय (deputy commissioner) के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें ऑफलाइन मोड के बजाय वर्तमान सेमेस्टर के लिए ऑनलाइन परीक्षा की मांग की गई. धरने में 100 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया और डिप्टी कमिश्नर को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा.


जानें क्यों ऑनलाइन परीक्षा की मांग कर रहे हैं छात्र?


छात्रों ने कहा कि चूंकि कक्षाएं ऑनलाइन मोड में आयोजित की गई थीं, जिनकी अपनी सीमाएं हैं, इसलिए उनकी परीक्षा में भी उसी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और परीक्षा वर्चुअल मोड में आयोजित की जानी चाहिए. द्रोणाचार्य गवर्नमेंट कॉलेज के द्वितीय वर्ष के छात्र तरुण यादव ने कहा, “उपायुक्त कार्यालय के बाहर गुरुवार का विरोध प्रदर्शन छात्रों का पांचवां विरोध था. पिछले दो हफ्तों में हमने गुरुग्राम विश्वविद्यालय कार्यालय और विभिन्न कॉलेजों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है. हमारी मुख्य मांग यह है कि चूंकि कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई थीं, इसलिए परीक्षा ऑफ़लाइन नहीं हो सकती. इस सेमेस्टर में हमारी सिर्फ दो महीने की क्लास हुई और इस दौरान छह महीने का सिलेबस कवर किया गया. छात्र ऑफलाइन मोड में परीक्षा कैसे दे सकते हैं?”


विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प केवल उन्हीं छात्रों को दिया है जो कोविड-19 पॉजिटिव हैं. बाकी छात्रों को 25 फरवरी से शुरू होने वाली ऑफलाइन परीक्षा में अनिवार्य रूप से बैठना होगा. गुरुग्राम विश्वविद्यालय के तहत लगभग 40 कॉलेज हैं.  एक अन्य छात्र आशीष गुप्ता ने कहा, “छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षा देना आसान है और हम विश्वविद्यालय से छात्रों को चुनने का विकल्प देने के लिए कह रहे हैं. जो लोग ऑफलाइन मोड में परीक्षा देना चाहते हैं वे दे सकते हैं क्योंकि ऑनलाइन कक्षाओं के कारण शिक्षा बहुत प्रभावित हुई है. कई बार, कक्षाएं नहीं होतीं या वे देर से शुरू होती हैं ”. छात्रों ने कहा कि वे सोमवार को फिर से अपना धरना जारी रखेंगे.


विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए, गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर निशांत कुमार यादव ने कहा, “हमने विरोध कर रहे छात्रों की मांगों की जानकारी ली है और इसे राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे.”


गुरुग्राम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी कपिल बंसल ने कहा, “छात्रों ने इस महीने की शुरुआत में हमें अपनी मांगों की सूची सौंपी थी और हम 15 फरवरी से 25 फरवरी तक परीक्षा में दस दिन की देरी करने पर सहमत हुए थे. छात्रों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों परीक्षाओं के लिए भी कहा था. हमने कोरोना पॉजिटिव छात्रों, या जिनके परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव हैं और राज्य के बाहर या दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा देने की अनुमति दी है. शहर के छात्रों के लिए, हमने कहा है कि वे परिसर में आ सकते हैं और फिर ऑनलाइन मोड में परीक्षा दे सकते हैं.  छात्र कह रहे हैं कि अगर शिक्षा ऑनलाइन होती तो परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिए. हमने उन्हें अलग-अलग विकल्प दिए हैं."


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