Gurugram News: गुरुग्राम में चिंटल पैराडिसो (Chintels Paradiso) के पांच टावर असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं. इसका मतलब है कि सभी टावर लोगों के रहने के लायक नहीं हैं. ऐसे में अब इसे गिराने की तैयारी की जा रही है. चिंटल पैराडिसो की ओर से सोमवार को गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखा गया. पत्र में गुरुग्राम सेक्टर 109 में चिंटल पैराडिसो के पांचों असुरक्षित टावरों डी, ई, एफ, जी, एच में से निवासियों को तुरंत निकालने के लिए कहा गया है. वर्तमान में जी और एच टावर में 15 परिवार रह रहे हैं.
पत्र में लिखा गया है, "गंभीरता को ध्यान में रखते हुए टावर जी और एच को तुरंत खाली कराने का अनुरोध करते हैं." चिंटल बिल्डर की ओर से नोएडा के ट्विन टावर तोड़ने वाली मेसर्स एडिफिस इंजीनियरिंग की सर्वे रिपोर्ट को लेकर जिला उपायुक्त को पत्र लिखा गया है. डी, ई, एफ, जी और एच टावर को एजेंसी मैकेनिकल मशीन से एक-एक करके गिराई जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी कमिश्नर हितेश कुमार मीणा ने टावरों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश जारी कर दिया है. निर्देशानुसार बिल्डर ने तैयारी शुरू कर दी है. उनके खाली करते ही आगे की प्रक्रिया काफी तेज हो जाएगी.
बैरिकेडिंग की भी अनुमति मांगी गई
ऐसे में सभी टावरों को खाली कराने और इसके आसपास बैरिकेडिंग करने के लिए अनुमति मांगी गई है. समूह के अध्यक्ष जेएन यादव ने कहा कि विध्वंस एक या दो महीने में पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि विध्वंस की अंतिम योजना एक सप्ताह में पूरी हो जाएगी और एडिफिस ने हमें बताया है कि विस्फोटकों का उपयोग करने से काम नहीं चलेगा, वे टावरों को ध्वस्त करने के लिए मशीनों का उपयोग करेंगे."
दिल्ली आईआईटी की ऑडिट रिपोर्ट पर एक्शन
वहीं चिंटल के कानून वरिष्ठ प्रबंधक राकेश कुमार ने पत्र में कहा है कि दिल्ली आईआईटी की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार पांच टावरों की कमजोर संरचना को ध्यान में रखते हुए खाली करना, पूरे क्षेत्र में प्रवेश को प्रतिबंधित करना, पांच टावरों के आसपास बैरिकेडिंग करना, बेसमेंट स्लैब के ऊपर से पूरी मिट्टी को हटाना, टावर पर कंक्रीट पानी के टैंकों को खाली करना, टावरों के बिजली काटने और लिफ्ट का उपयोग बंद करने के लिए कहा गया है.
एडिफिस इंजीनियरिंग की टीम ने किया निरीक्षण
चिंटल की ओर से टावरों को ध्वस्त करने के लिए एडिफिस से अनुबंधित किया है. यह वही कंपनी है जिसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नोएडा में हाई प्रोफाइल सुपरटेक ट्विन टावर्स को ध्वस्त कर दिया था. अब यह चिंटल के टावरों को तोड़ने की योजना बनाई है. इसको लेकर 24 नवंबर को एडिफिस इंजीनियरिंग मेसर्स के पार्टनर उत्कर्ष मेहता, प्रोजेक्ट मैनेजर अब्दुल सलाम चौधरी, सुरक्षा अधिकारी लिबू वर्गीस की टीम की ओर से चिंटल के असुरक्षित टावरों का निरीक्षण किया था. एडिफिस ने टावरों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट बिल्डर को सौंप दी है.
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