Gurugram Cyber Crime: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम पुलिस ने साइबर ठगी के आरोप में एक महिला समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इन आरोपियों पर 14 करोड़ सात लाख रुपये की ठगी का आरोप है. पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ देश में 4169 शिकायतें दर्ज हैं. 


गुरुग्राम पुलिस के साइबर क्राइम एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया की साइबर अपराध पुलिस थानों की टीमों ने आपसी तालमेल के आधार पर काम कर यह सफलता हासिल की है. गिरफ्तार किए गए आरोपी प्रशांत जैन, प्रदीप भुटाले व रंजीत को पुलिस थाना साईबर अपराध मानेसर में बतौर जांच अधिकारी तैनात मुख्य सिपाही कर्मबीर ने काबू किया. सुयश शाह निवासी राजन गांव (छत्तीसगढ़) को जांच अधिकारी एसआई प्रमोद ने, जितेंद्र वशिष्ठ व पूजा चौहान को जांच अधिकारी पीएसआई दीपेश ने गिरफ्तार किया. 


यशपाल वासुदेव भाई निमावत व संचानिया अंकुर को पुलिस थाना साइबर मानेसर में तैनात मुख्य सिपाही कर्मबीर ने, देशराज निवासी गांव थारगांव जिला बरेली (उत्तर-प्रदेश) आरोपी देशराज को पुलिस थाना साइबर पश्चिम में जांच अधिकारी एएसआई अमित ने गिरफ्तार किया. नवजीस रहमान निवासी गांव शयादपुर जिला दक्षिण दिनाजपुर (पश्चिम-बंगाल), नवजीस रहमान को पुलिस थाना साईबर पश्चिम में तैनात एएसआई अमित द्वारा गिरफ्तार किया गया है.


10 मोबाइल फोन, लैपटॉप और सिमकार्ड बरामद


एसीपी प्रियांशु दीवान के मुताबिक मोहम्मद अनास खान निवासी गांव सुदवास जिला अगर मालवा (मध्य-प्रदेश) को पुलिस थाना साइबर पूर्व में तैनात मुख्य सिपाही शिव कुमार ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. गुरुग्राम पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से 10 मोबाईल फोन, एक लैपटॉप और तीन सिमकार्ड बरामद किए हैं.0 


16 केस हरियाणा में पहले से दर्ज 


एसीपी दीवान ने बताया कि इंडियन साईबर क्राईम कोर्डिनेशन सेंटर से डाटा की जांच करने पर यह खुलासा हुआ कि आरोपियों के विरूद्ध देशभर में लगभग 14 करोड़ 7 लाख रुपयों की ठगी करने के संबंध में कुल 4169 शिकायतें और 192 मामले दर्ज हैं. इन केसों में से 16 केस हरियाणा में हैं.


थाना साईबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम में 1, थाना साईबर अपराध पश्चिम गुरुग्राम में 2 केस व थाना साईबर अपराध मानेसर में 4 केस दर्ज हैं. गुरुग्राम पुलिस द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि पकड़े गए आरोपी टास्क बेस्ड फ्रॉड, फेडेक्स फ्रॉड, शेयर मार्केट व सोशल मीडिया के माध्यम से फ्रॉड करके  पैसे ट्रांसफर करवाकर धोखाधड़ी करके ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे.


(राजेश यादव की रिपोर्ट)