Gurugram News: मलेरिया को खत्म करने के मकसद से गुरुग्राम में मई से सितंबर के बीच सर्वे कराया जाएगा. मलेरिया को लेकर जागरूकता बढ़ाने के मकसद से आज जिले में मलेरिया दिवस मनाया गया. मलेरिया के मामलों का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके इसलिए गुरुग्राम में इस महीने की शुरुआत में ही बुखार सर्वे किया जा चुका है. अब जिले में मलेरिया को फैलाने वाले स्रोतों के बीच पैरासाइट्स के प्रवाह का अध्ययन करने की योजना बनाई जा रही है.
स्वास्थ्य दल एकत्र करेंगे डेटा
गुरुग्राम के सीएमओ वीरेंद्र यादव ने कहा कि स्वास्थ्य दल वयस्क और शिशु परजीवी (पैरासाइट) दर, प्लीहा दर, समुदाय में नए मामले, पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बुखार के पैटर्न और इनडोर अवशिष्ट स्प्रे के प्रभाव पर डेटा एकत्र करेंगे. मलेरिया इंडीकेटर सर्वे (एमआईएस) मच्छरों की आवाजाही और यह कैसे बड़े पैमाने पर इंसानों द्वारा संचालित होता है, के बीच के बिंदुओं को भी जोड़ेगा. उन्होंने कहा कि टीमें कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी (ITN), कीटनाशकों के इनडोर अवशिष्ट छिड़काव (IRS), छोटे बच्चों में बुखार के त्वरित और प्रभावी उपचार और गर्भवती महिलाओं में मलेरिया की रोकथाम के बारे में जानकारी एकत्र करेंगी.
5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ज्यादा घातक
वैसे तो मलेरिया हर उम्र के इंसानों को प्रभावित करता है, लेकिन 5 साल से कम उम्र के बच्चों में इसका घातक असर देखने को मिल सकता है. मलेरिया से बचने के लिए कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाले लोशन लगाने और आस-पास पानी न भरने देने की सलाह दी जाती है.
पिछले साल मिले थे केवल 2 मामले
सीएमओ वीरेंद्र यादव ने कहा कि यह सर्वे मई से सिंतबर के बीच महीने के शुरुआती 10 दिनों में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वैसे तो मलेरिया का सर्वेक्षण पूरे साल किया जा सकता है, लेकिन मलेरिया के मामले मई से सितंबर के बीच ज्यादा बढ़ते हैं, इसलिए हमने इन महीनों पर फोकस किया है. पिछले साल जिले में मलेरिया के सिर्फ 2 केस सामने आए थे.
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