Huda Tikona Park Video: दिल्ली (Delhi) से सटे गुरुग्राम (Gurugram) में भगवा कपड़ा पहने शख्स ने एक पार्क में मौजूद युवक-युवती से मारपीट की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि पार्क के एक ओर भगवा कपड़ा पहने कई लोग खड़े हैं और पास में काफी झंडा भी है. वहीं दीवार से दूसरी ओर एक शख्स युवक को लगातार मारते-पीटते नजर आ रहा है. यह मामला गुरुग्राम के सेक्टर 5 स्थित हुडा तिकोना पार्क का बताया जा रहा है.


इस वीडियो की पड़ताल में पता चला कि रविवार की सुबह करीब 11 बजे जब कुछ लोगों ने पार्क में युवा लड़का-लड़की की जुगलबंदी को देखा तो उन्होंने अपना आपा खोकर कानून को अपने हाथ में लेकर इंसाफ करने लगे. पब्लिक पैलेस में अगर किसी भी तरह की अश्लीलता फैलाई जा रही है तो इसके लिए कानून है, उसका सहारा लेना चाहिए, लेकिन भगवा कपड़ा पहने लोग खुद ही कानून हाथ में लेने लगे.



समाजसेवी ने मारपीट के मामले पर क्या कहा?


इस मामले को लेकर गुरुग्राम के समाजसेवी और पेशे से अधिवक्ता कुलभूषण भारद्वाज ने एबीपी लाइव से बात करते हुए कहा कि इस तरह किसी भी समाज के ठेकेदार की ओर से बीच पार्क में कानून को अपने हाथ में लेकर इंसाफ करना सरासर गलत है. अगर मान लेते हैं कि वह कोई गलत हरकत भी कर रहे थे, तब भी एक सभ्य व्यक्ति की तरह उन्हें समझना चाहिए था कि ऐसी हरकत न करें, इससे समाज पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. उनके साथ हाथापाई करना गलत है.


'इस तरह की घटना से जाता है गलत संदेश'


कुलभूषण भारद्वाज ने कहा कि कोई आदमी अगर गलती करता है तो उसे समझाया जाता है. दूसरी बात यह है कि इसकी जानकारी पुलिस को दें, न कि कानून के आंख, नाक और कान बनने का काम करें. उन्होंने कहा, "मैं यह समझता हूं कि सभ्य समाज के लिए और इस प्रकार की घटना से जो हिंदू समाज है, हिंदू समाज के लिए जो काम करने वाले लोग हैं, एक व्यक्ति इस प्रकार की निंदनीय घटना को अंजाम देता है, उससे पूरे समाज के प्रति आम जनमानस के अंदर एक गलत भावना उत्पन्न होती है और गलत संदेश जाता है.


'प्यार से भी समझा सकते थे'


उन्होंने आगे कहा, "आम जनमानस के मन में इस संगठन के प्रति एक गलत धारणा उत्पन्न हो जाती है. एक हिंदू धर्म के प्रति जागरूक होने के नाते, हिंदू धर्म का अनुनायी होने के नाते, कानून का जानकार होने के नाते और सभ्य समाज का हिस्सा होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूं कि कोई भी व्यक्ति चाहे, वह किसी भी संगठन का हो, किसी भी धर्म से जुड़ा हो, किसी भी समाज से जुड़ा हो, उसको संयम से काम करना चाहिए. इस तरह हाथापाई करना किसी भी व्यक्ति के मन में गलत धारणा बनाएगी ही. उसे प्यार से समझा सकते थे."


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