गुरुग्राम में जहां लोगों को एक तरफ गर्मी परेशान कर रही हैं, वहीं इस समय उनके सामने पानी की किल्लत भी आ गई है. पानी के संकट को लेकर लोग सोशल मीडिया सहित नगर निकाय से इस मुद्दे के तत्काल समाधान के लिए संपर्क करे रहे हैं. पानी की किल्लत से परेशान लोगों ने मुख्यमंत्री से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है. इस समय गुरुग्राम के कई इलाके दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं. वहीं पानी के टैंकर संचालकों ने कीमतों में 2,000 रुपये प्रति टैंकर तक की बढ़ोतरी की है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है.


पुराने शहर में खांडसा रोड, पटौदी रोड, सोहना रोड, जैकब पुरा, एचएसवीपी सेक्टर 14 और 17 जैसे इलाकों के अलावा, पॉश सोसायटी में भी पानी की कमी है. गुरुग्राम रेजिडेंट्स फोरम के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा इस समय या तो पानी नहीं है या अपर्याप्त और अनिश्चित आपूर्ति है. क्षतिग्रस्त पाइपलाइनों या बिजली कटौती के कारण अक्सर पानी की आपूर्ति बाधित होती है और हर साल यह स्थिति बदतर होती जा रही है.


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इसके साथ ही साउथ सिटी 2 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष नीरज यादव ने कहा पिछले तीन वर्षों में पानी की मांग बढ़ी है, लेकिन कोई समाधान नहीं होता दिखा है. इस पूरे मामले को लेकर मेयर मधु आजाद ने जीएमडीए को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा पानी की आपूर्ति जीएमडीए में स्थानांतरित करने के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई है. लगभग पूरा शहर पानी की कमी से जूझ रहा है. इसके साथ ही जीएमडीए के सीईओ सुधीर राजपाल ने हम पानी की आपूर्ति प्रदान कर रहे हैं, यह मामला संबंधित हितधारकों द्वारा आंतरिक वितरण से जुड़ा है. पानी की बर्बादी एक और चिंता का विषय है, हमने मांग और आपूर्ति की निगरानी के लिए पहले ही एक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया है.