Gurugram News: दिल्ली (Delhi) से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम (Gurugram) में महिला उत्पीड़न को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. ये वर्कशॉप पुलिस कमिश्नर कार्यालय में आयोजित की गई. इस वर्कशॉप में महिलाओं के कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न के बारे में लोगों को जागरुक किया गया. इस दौरान उपस्थित लोगों को जानकारी दी गई कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में बेहद संवेदनशीलता बरती जाती है. अगर कार्यस्थल पर उनका उत्पीड़न होता है तो महिलाएं बेखौफ होकर अपनी शिकायत पुलिस को कर सकती हैं.
महिलाओं के विरुद्ध अपराध में एसीपी डॉ. कविता ने गुरुग्राम में कार्यरत महिला पुलिस कर्मचारियों को गुरुग्राम पुलिस के पॉश लॉ और प्रोटेक्शन ऑफ वूमेन अगेंस्ट सेक्सयुअल हराशमेंट एक्ट की जानकारी दी. एसीपी डॉ. कविता ने कहा कि अगर किसी महिला पुलिस कर्मचारी के साथ उत्पीड़न होता है, तो वह आंतरिक जांच कमेटी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है. आंतरिक कमेटी 90 दिन के अंदर जांच पूरी करने के लिए बाध्य है. इस कमेटी में 50 फीसदी सदस्य महिलाओं का होना अनिवार्य है. एसीपी डॉ. कविता ने आगे कहा कि समाज में महिलाओं ने अपनी मेहनत के बल पर अहम स्थान बनाया है. वे पुलिस, सेना, मेडिकल, खेल, विज्ञान, कला समेत सभी क्षेत्रों में मजबूती के साथ खड़ी हैं.
एसीपी डॉ. कविता ने क्या कहा
एसीपी ने कहा कि महिलाएं अपने काम को पूरी ईमानदारी के साथ पूरा करती हैं. महिलाओं में काम के प्रति संजिदगी और जज्बा काबिले तारीफ है. इसके साथ साथ एसीपी डॉ कविता ने कहा की फिर भी कई बार कार्य स्थल पर महिलाओं को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है. बहुत सी महिलाएं इसका विरोध नहीं कर पाती. वो या तो उत्पीड़न सहन करती हैं, या फिर काम ही छोड़ देती हैं. साथ ही एसीपी डॉ. कविता ने कहा कि कोई भी महिला अपने काम को ना छोड़े. अगर कहीं उत्पीड़न होता है, तो मजबूती से उसकी शिकायत पुलिस को करे. पुलिस उनके साथ है. किसी भी मोड़ पर महिलाओं का शोषण नहीं होने दिया जाएगा. इस वर्कशाप में एसीपी हेड क्वार्टर सुशीला, एसीपी सीएडब्ल्यू सुरेंद्र कौर के साथ सभी महिला थानों की प्रबंधक, महिला और पुरुष कर्मचारी उपस्थित रहे.
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