H3N2 And Corona Cases In Delhi: दिल्ली में फरवरी महीने से लेकर बीच मार्च तक जहां लोगों को गर्मी का एहसास होने लगा था. वहीं 16 मार्च के बाद से दिल्ली के मौसम में आए बदलाव और बेमौसम बारिश की वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है. इसके साथ ही फिर से हल्की सर्दी का एहसास होने लगा है. ये मौसमी बदलाव लोगों को सुकून के साथ बीमार करने वाला भी है, क्योंकि इस तरह से मौसम में बदलाव आने पर वायरस भी सक्रिय हो जाते हैं. इस वजह से ज्यादातर लोग बीमार पड़ सकते हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली में पहले ही तेजी से एच3एन2 का संक्रमण फैल रहा है और कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण में भी इजाफा हुआ है. ऐसे में यह मौसम दोनों तरह के वायरस के फैलाव में और तेजी ला सकता है. इसलिए लोगों को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को अपनाना चाहिए. यह तरीका किसी भी तरह के वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे कारगर है.
कोविड उपयुक्त व्यवहार है जरूरी
एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि पिछले दो महीने से अस्पताल में कोरोना का एक भी मरीज एडमिट नहीं था, लेकिन फिर से कोरोना के मामले अस्पताल में आने लगे हैं. इन्हें एडमिट करने की भी जरूरत पड़ रही है. उन्होंने बताया कि अभी दो मरीज एडमिट हैं. डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि कोविड को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है. इसके बावजूद जिस तरह कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए अब लोगों को बचाव के तरीके को गंभीरता से लेना चाहिए. स्थित भले ही पैनिक वाली न हों, लेकिन घर से बाहर जाने पर मास्क पहनना, दूरी बनाकर रखना और हाथों को सैनिटाइज करते रहना आवश्यक है.
बचाव के तरीकों को अपना कर रहेंगे बीमारियों से दूर
डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि 2020 से कोविड से बचाव के लिए अब तो जो भी तरीके अपनाए जा रहे थे, उसे फिर से अपनाने की जरूरत है, क्योंकि इससे नुकसान नहीं है, सिर्फ फायदा ही फायदा है. यह विषय हर किसी के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, जो लोग बचाव के तरीकों को जितना अपनाएंगे, वो उतना ही बीमारी से दूर रहेंगे. उन्होंने कहा कि लोगों में नेचुरल और वैक्सीन दोनों तरह की इम्युनिटी है, जिससे कोविड अब खतरनाक नहीं है. फिर भी लापरवाह होना सही नहीं होगा.
इन लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत
वहीं सीके बिड़ला हॉस्पिटल के पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक राजपूत ने कहा कि इस तरह के मौसम से वायरस के प्रसार में मदद मिलता है. अभी इन्फ्लूएंजा और कोविड दोनों फैल रहा है. थोड़ी राहत की बात यह है कि इसमें बीमारी गंभीर नहीं हो रही, लेकिन जो लोग पहले से कोविड से गंभीर बीमार हुए हैं, उनके लंग्स पर असर हुआ था. ऐसे लोगों में अगर इन्फ्लूएंजा की वजह से खांसी हो रही है, तो वह लंबे समय तक रह रही है. एक-एक महीने तक खांसी हो रही है, हालांकि हर साल जब मौसम बदलता है तो उस दौरान ऐसी स्थिति बनती है. साल में दो बार ऐसा होता है, एक बार मार्च में और एक बार सितंबर में. यह मौसम बीमारी फैलाने में कारगर होता है, इसलिए कोविड वाले बचाव के तरीके अभी भी अपनाना चाहिए और मास्क जरूर पहनना चाहिए.
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