Hansraj College Non Veg Controversy: स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Students Federation of India) से जुड़े छात्रों के एक ग्रुप ने दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के हंसराज कॉलेज में मांसाहारी भोजन बंद करने और परिसर के भगवाकरण के कथित प्रयासों के विरोध में प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. एसएफआई की हंसराज कॉलेज इकाई ने एक बयान में कहा कि मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध के खिलाफ कॉलेज परिसर के अंदर विरोध हो रहा है और 20 जनवरी को हंसराज छात्रावास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा. इस बीच हंसराज कॉलेज की प्रिंसिपल रमा शर्मा ने मांसाहारी भोजन बंद करने के आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया है.


हंसराज कॉलेज की प्रिंसिपल ने बुधवार को आलोचना का सामना करने के बावजूद छात्रावास और कैंटीन में मांसाहारी भोजन बंद करने के आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया और कहा कि डीयू घटक कॉलेज आर्य समाज के दर्शन का पालन करता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि 90 प्रतिशत छात्र शाकाहारी हैं और उन्होंने पहले छात्रावास में मांसाहारी भोजन परोसे जाने का विरोध किया था.


नोटिस को लेकर ये बोली रमा शर्मा


पिछले साल फरवरी में महामारी के बाद फिर से खुलने के बाद हंसराज कॉलेज की ओर से अपनी कैंटीन और छात्रावास में मांसाहारी भोजन परोसना बंद करने के फैसले की कई हलकों से तीखी आलोचना हुई है. हालांकि, छात्रों ने दावा किया कि इस मामले में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था, लेकिन रमा शर्मा ने स्पष्ट किया कि एक नोटिस जारी किया गया था और हॉस्टल प्रॉस्पेक्टस में उल्लेख किया गया था कि हॉस्टल में मांसाहारी भोजन नहीं परोसा जाएगा.


'हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे'


रमा शर्मा ने कहा, "हम मांसाहारी भोजन के संबंध में नोटिस वापस नहीं लेने जा रहे हैं. यह एक आर्य समाज महाविद्यालय है. हमारा अपना दर्शन है और इसीलिए हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे. हम नियमित रूप से हवन करते हैं. हम अपने नियमों का पालन करते हैं. छात्रावास के प्रोस्पेक्टस में लिखा है कि छात्रावास में मांसाहारी भोजन नहीं परोसा जाएगा. हम सेंट स्टीफेंस कॉलेज को हवन करने के लिए नहीं कहते हैं. हम खालसा कॉलेज के नियमों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. फिर हमसे पूछताछ क्यों की जा रही है? हम यह नहीं कहते कि नॉन-वेज खाना मत खाओ. बस हंसराज कॉलेज में मांसाहारी खाना मत लाओ.


जानिए छात्रों ने मांसाहारी भोजन को लेकर क्या कहा?


वहीं छात्रों ने कहा कि महामारी के बाद पिछले साल फरवरी में फिर से खुलने के बाद हंसराज कॉलेज ने अपने कैंटीन और छात्रावास में मांसाहारी भोजन परोसना बंद कर दिया था. हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है. एसएफआई ने दावा किया कि ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां हंसराज प्रशासन ने छात्रावास में अंडा लेकर आने वाले छात्रों से अंडे जब्त कर लिए. छात्र समूह ने कहा कि हंसराज छात्रावास के भीतर एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें लगभग 75 प्रतिशत छात्र मांसाहारी पाए गए. 


'छात्र मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध के खिलाफ'


छात्र समूह ने कहा कि हंसराज कॉलेज की प्रधानाचार्य रमा शर्मा ने पहले दावा किया था कि कॉलेज के 90 प्रतिशत छात्र शाकाहारी हैं. एसएफआई के बयान में कहा गया है, "हंसराज के अधिकांश छात्र मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध के खिलाफ हैं और इसे सांस्कृतिक आधिपत्य स्थापित करने के प्रयास के रूप में देखते हैं. जब इन मुद्दों को परिसर में उठाया गया तो इसे दबाने के लिए दक्षिणपंथी ताकतों ने हिंसक प्रतिक्रिया की."


'हमें पौष्टिक भोजन की जरूरत'


एसएफआई ने कहा, "दक्षिणपंथी ताकतों की यह प्रतिक्रिया और इसके प्रति प्रशासन का रवैया विश्वविद्यालय परिसरों के भगवाकरण की कोशिश को दर्शाता है." एक छात्रावास में रहने वाले तृतीय वर्ष के छात्र आलोक शर्मा ने कहा कि कॉलेज ने अचानक मांसाहारी भोजन परोसना बंद कर दिया. उन्होंने कहा, "हमें ऐसे किसी आदेश के बारे में सूचित नहीं किया गया. मुझे नहीं लगता कि कोई आदेश जारी किया गया है. यह अनुचित है. हम अपने परिवार से दूर रह रहे हैं और हमें उचित पौष्टिक भोजन की जरूरत है."


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