(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gurugram Tourist Places: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में ये हैं 5 ऐतिहासिक जगहें, वीकेंड पर कर सकते हैं घूमने का प्लान
Sethani Ki Chhatri: आप घूमने के शौकीन है तो गुरुग्राम कई ऐतिहासिक महत्व वाली जगहें हैं. हम आपको इन्हीं जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं.
Farrukhnagar Fort: गुरुग्राम देश के बड़े शहर के तौर पर बिजनेस हब के रुप में जाना जाता है. मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस है, इसलिए यहां देश के कोने-कोने से लोग आकर रहते हैं. यहां के शानदार मॉल, ट्रेंडी रेस्टोरेंट, आकर्षक नाइटक्लब्स मौजूद हैं. ऐसे में अगर आप गुरुग्राम में घुमना चाहते हैं तो सिर्फ आपके लिए मॉल और नाइटक्लब्स नहीं हैं. आप घूमने के शौकीन है तो गुरुग्राम कई ऐतिहासिक महत्व वाली जगहें हैं. हम आपको इन्हीं जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं.
सेठानी की छतरी
सेठानी की छतरी एक सुंदर स्मारक है जिसे दो मंजिला छतरी या गुंबद के आकार के मंडप के रूप में डिजाइन किया गया है. साथ ही इस यहां आप फूलों की चित्रकारी भी देख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह जगह एक व्यापारी की पत्नी के लिए बनाया गया था. इसलिए इसका नाम सेठानी की छतरी पड़ा. जाहिर तौर पर सेठानी की छतरी गुड़गांव में घूमने के लिए एक अच्छी जगह है.
फर्रुखनगर किला
गुड़गांव में फर्रुखनगर किला की उत्पत्ति फर्रुखनगर के पहले नवाब फोजदार खान से हुई है. उन्होंने इसे 1732 में एक भव्य गढ़ के रूप में बनवाया था. यह एक विशाल अष्टकोणीय संरचना है, जो वास्तुकला की मुगल शैली को दर्शाती है. किले की सबसे प्रभावशाली विशेषताओं में दिल्ली दरवाजा या दिल्ली गेट है. आज, किला का अधिकांश भाग खंडहर गो गया है, मगर यहां घूमा जा सकता है.
Haryana News: सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किया दावा- हर जिले में होगा मेडिकल कॉलेज
शीश महल
गुरुग्राम में शीश महल गुड़गांव में घूमने के लिए सबसे अच्छी ऐतिहासिक जगहों में से एक है. इस महल का निर्माण फौजदार खान ने 18वीं सदी के शुरूआती दौर में करवाया था. इसे दो मंजिला संरचना के रूप में डिजाइन किया गया था. यह महल सुंदर बारादरी या गुम्बजदार इमारत का दावा करता है, जिसमें कम से कम 12 प्रवेश द्वार हैं. शीशों के साथ जड़ी हुई चीजें इस महल के अंदरूनी हिस्सों को अकर्षित करती हैं. इस डिजाइन की वजह से इसका नाम शीश महल रखा गया है.
बाओली घौस अली शाह
गुरुग्राम में बाओली गोस अली शाह फर्रुखनगर किले के पास स्थित एक 18 वीं शताब्दी की बाओली है. यह गौस अली शाह नाम के एक स्थानीय प्रमुख द्वारा बनाया गया था इसलिए इसका नाम बावली घोस अली शाह रखा गया है. यह एक अष्टकोणीय बाओली है जो तीन मंजिला गहरी है. बरामदे, मेहराब, और कई पत्थरों से बनाई गई सीढ़ियों के साथ, बाओली गौस अली शाह संरचना में तुर्की हम्माम जैसा दिखता है.
दिगंबर मंदिर
गुड़गांव में दिगंबर मंदिर मुगल शासन के दौरान बनाया गया एक जैन मंदिर है. यह मंदिर 17 वीं शताब्दी में बनाया गया था. यह मंदिर अपने शांत वातावरण के लिए भी जाना जाता है. यह पूजा स्थल जैनियों के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को समर्पित है. मंदिर परिसर के अंदर एक किताबों की दुकान है जहां आप जैन धर्म से संबंधित कई कलाकृतियां और अध्ययन सामग्री देख सकते हैं.
Punjab Police ने किया दावा- सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में हाथ लगे अहम सुराग