Delhi University: दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला सुरक्षा पर सख्त टिपप्णी करते हुए एक मामले की सुनवाई की और आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा राधिका तंवर की 2011 में हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे विजय सैनी की जमानत याचिका अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है.
हम ऐसे समाज में नहीं रह सकते, जहां लड़कियां घर से निकलने में डरें
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा कि "किसी भी लड़की, महिला या बच्चे को डराने धमकाने की प्रति जीरो टोलरेंस होना चाहिए. हम ऐसे समाज में नहीं रह सकते हैं, जहां लड़कियां दिन के उजाले में अपने घर से बाहर निकलने से डरती हों." पीठ ने आगे यह भी कहा कि समाज को यह सुनिश्चित और देखना चाहिए कि महिलाओं को अपने घरों से बाहर निकलने पर डरने की जरूरत नहीं है. पीठ ने ये टिप्पणी करते हुए हत्या के आरोपी विजय सैनी को जमानत देने से इनकार कर दिया.
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निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी
21 वर्षीय छात्रा राधिका तंवर की हत्या के मामले में विजय सैनी को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. विजय सैनी ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पूरे मामले के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय के राम लाल आनंद कॉलेज के ठीक बाहर धौला कुआं फुटओवर ब्रिज पर महिला दिवस के दिन सैनी ने राधिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी. विजय सैनी, राधिका के मोहल्ले में ही रहता था और उसका पीछा करता था. पीछा करने के कारण ही घटना से कुछ महीने पहले स्थानीय लोगों ने विजय की पिटाई की थी.
पीठ ने कहा कि वारदात 2011 में हुई थी और 11 साल बाद भी इसकी घटना की तुरंत याद आती है. आप कल्पना कर सकते हैं कि घर से बाहर निकलने वाली हर लड़की क्या महसूस करती होगी? कि उसे क्या सहना पड़ेगा. पीठ ने कहा कि क्योंकि दोषी 11 साल से जेल में है, ऐसे में अदालत चुनौती याचिका पर 26 अप्रैल को सुनवाई करेगी.
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